पानी की भीषण किल्लत: जबलपुर कलेक्टर का सख्त आदेश, अब निजी बोरिंग पर पूरी तरह पाबंदी!
गर्मी का प्रकोप और गिरता जलस्तर: 30 जून तक जबलपुर जल संकटग्रस्त क्षेत्र घोषित, निजी नलकूप खनन पर पूर्ण प्रतिबंध

जबलपुर। भीषण गर्मी के दस्तक देते ही मध्यप्रदेश के जबलपुर में पानी की संभावित कमी को लेकर प्रशासन सख्त हो गया है। जबलपुर कलेक्टर ने एक कड़ा फरमान जारी करते हुए शहर में निजी बोरिंग पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इस आदेश से शहर के कई निवासी अचंभित हो सकते हैं, क्योंकि अब गर्मी के मौसम में भी निजी तौर पर नलकूप का खनन नहीं किया जा सकेगा।

दरअसल, जबलपुर जिले में इस वर्ष सामान्य से काफी कम वर्षा दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त, सिंचाई कार्यों में भूगर्भ जल का अत्यधिक उपयोग होने के कारण पीने के पानी के स्रोतों का जलस्तर चिंताजनक रूप से नीचे चला गया है। सार्वजनिक पेयजल स्रोतों की क्षमता पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े, इसी उद्देश्य से जबलपुर कलेक्टर ने नलकूप खनन पर यह कठोर प्रतिबंध लगाया है।
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि यह फैसला जनहित में लिया गया है, ताकि पेयजल और अन्य आवश्यक जरूरतों के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि आम जनता को सुचारू रूप से पेयजल उपलब्ध कराना और समान वितरण बनाए रखना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए, कलेक्टर ने पूरे जिले को 30 जून तक जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है। इस अवधि के दौरान, किसी भी व्यक्ति को बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के नलकूप खनन करने की अनुमति नहीं होगी।
गौरतलब है कि वर्तमान में जबलपुर में गर्मी का प्रकोप जारी है और तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जिसके कारण सड़कों पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है। ऐसे में पानी की किल्लत लोगों के लिए और भी बड़ी समस्या बन सकती है। कलेक्टर का यह प्रतिबंधात्मक कदम भविष्य में संभावित जल संकट से निपटने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।