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सीनियर पुलिस अफसर पर यौन शोषण का आरोप, हुए सस्पेंड

तमिलनाडु में हाल ही में यौन शोषण के कई मामले सामने आए हैं, जिससे राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। अब एक नया मामला चेन्नई पुलिस के जॉइंट कमिश्नर रैंक के अधिकारी का है, जिन पर उनकी महिला सहकर्मी ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। इस गंभीर आरोप के बाद अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है और जांच शुरू हो गई है। यह घटना तब सामने आई है जब राज्य में स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक स्थानों पर भी ऐसे अपराध बढ़ रहे हैं। सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर घमासान मचा हुआ है।

चेन्नई पुलिस अधिकारी सस्पेंड

चेन्नई पुलिस के एक सीनियर अधिकारी डी महेश कुमार को महिला सहकर्मी द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के चलते सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले की जांच इंटरनल कमेटी कर रही है और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट तैयार कर DGP को सौंपी जाएगी। यह मामला तमिलनाडु में हाल ही में सामने आए कई यौन शोषण मामलों में से एक है, जिससे राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं।

 

राज्य में बढ़ते यौन शोषण के मामले

हाल ही में तमिलनाडु के एक सरकारी स्कूल में तीन शिक्षकों को 13 वर्षीय छात्रा के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वहीं दिसंबर में चेन्नई के अन्ना यूनिवर्सिटी की एक छात्रा के साथ कैंपस में यौन शोषण की घटना हुई थी। इसके अलावा चेन्नई के पास एक 18 वर्षीय युवती के साथ ऑटो-रिक्शा में सफर के दौरान दुर्व्यवहार किया गया था। इन बढ़ती घटनाओं के कारण राज्य सरकार को विपक्षी पार्टियों के तीखे सवालों का सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी दल AIADMK और BJP ने DMK सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर विफल होने का आरोप लगाया है। हालांकि, DMK का कहना है कि हर मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है और पुलिस अपना काम पूरी ईमानदारी से कर रही है।

सियासी आरोप-प्रत्यारोप

तमिलनाडु के कानून मंत्री एस. रेगुपति ने कहा कि पीड़िताओं को सरकार पर भरोसा है, इसलिए वे आगे आकर अपनी शिकायत दर्ज करवा रही हैं। उन्होंने AIADMK सरकार के कार्यकाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उस समय पीड़िताएं पुलिस में शिकायत दर्ज कराने से डरती थीं और केस फाइल करने में देरी होती थी। इस मुद्दे को लेकर तमिलनाडु में सियासी माहौल गरमा गया है, खासकर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए। विपक्ष DMK सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है, खासकर तब जब अन्ना यूनिवर्सिटी केस में आरोपी के DMK से जुड़े होने की खबरें सामने आई थीं। इस पर मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सफाई देते हुए कहा कि आरोपी केवल पार्टी का समर्थक था न कि आधिकारिक सदस्य।

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