
मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है। दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा, जालिम तानाशाह CM शिवराज सत्र नहीं चलाने दे रहे। विपक्ष की बात नहीं सुन रहे। जब तक सरकार स्थगन लाकर आदिवासी मुद्दों पर चर्चा नहीं कराती, विपक्ष सदन की कार्यवाही नहीं चलने देगा। अंतिम सत्र है। सरकार सौहाद्र से सदन को चलाए।
सोमवार से शुरू हुए इस सत्र के पहले दिन ही विपक्ष ने आदिवासी उत्पीड़न और सतपुड़ा अग्निकांड के मुद्दे पर हंगामा किया। सीधी पेशाब कांड पर चर्चा की मांग की। 15वीं विधानसभा का यह अंतिम सत्र है। सत्र 15 जुलाई तक चलेगा।
हालात ऐसे बने कि सदन में वंदे मातरम गान शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने आदिवासियों के साथ हुए अत्याचार का मामला उठा दिया। दो बार 10-10 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित भी करनी पड़ी। आज भी सदन की कार्यवाही में विपक्ष आदिवासियों के साथ हुई उत्पीड़न की घटनाओं और सतपुड़ा अग्निकांड जैसे मुद्दे पर हंगामा कर सकता है।
अधिकारियों पर 15 दिन में कार्रवाई करेंगे
- छतरपुर से कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी ने पहला मामला उठाया
- उन्होंने कहा- प्रदेश में कई एकड़ ऐसी जमीन है, जो निजी है, उसे वन विभाग अपनी बताता है।
- विधानसभा अध्यक्ष ने वन मंत्री विजय शाह से कहा- आपके अधिकारियों ने अलग-अलग जवाब दिए हैं, यह ठीक नहीं है।
- कांग्रेस विधायकों ने कहा- ऐसे अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
- वन मंत्री ने कहा- जमीन के जो पट्टे निरस्त हुए हैं, उनकी गंभीरता से जांच की गई है।