जबलपुरमध्य प्रदेश

भाजपा शासन में जनजातियों पर अपराध और अत्याचार की श्रेणी में स्कूल और छात्रावास भी हुआ शामिल – तरुण भनोत

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पूर्व वित्त मंत्री ने एकलव्य आदर्श छात्रावास की घटना से पीएम को कराया अवगत, जिम्मेदारों पर सख्त कार्यवाही की कि मांग

विदित हो कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के तमाम रिपोर्ट्स में अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के साथ हो रहे अत्याचार और जघन्य अपराध की घटनाओं में मध्यप्रदेश देश में अव्वल स्थान पर है | रिपोर्ट्स के सार्वजनिक होने के बाद भी जनजातियों पर होने वाले अत्याचार की घटनाओं पर विराम लगने के बजाये, लगभग हर दिन ऐसी घटनाओं में लगातार इजाफा ही होता जा रहा है | लगभग प्रत्येक दिन स्थानीय समाचार पत्रों और न्यूज चैनल्स के माध्यम से प्रदेश के किसी न किसी जिलें में जनजातियों पर हो रहे जघन्य अपराध की घटनाएं देखने और सुनने को मिलती है और इस अत्याचार और अपराध की घटनाएं जनजातियों को बेहतर शिक्षा देने के लिए निर्मित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय तक पहुँच चुकी है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं | उक्त आरोप प्रदेश सरकार में पूर्व वित्त मंत्री एवं जबलपुर पश्चिम से विधायक श्री तरुण भनोत द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रेषित पत्र के माध्यम छात्रावास प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन पर लगाया गया है |
श्री भनोत द्वारा प्रधानमंत्री को प्रेषित पत्र के माध्यम से ध्यान आकृष्ट कराते हुए जबलपुर संसदीय क्षेत्रांतर्गत पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में स्थित जनजाति एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, रामपुर के छात्रावास में पिछले दिनों विषाक्त भोजन से सैकड़ों की संख्या में गंभीर रूप से छात्रों के बीमार पड़ने के मामले में अवगत कराया गया | उन्होंने पत्र में घटना का उल्लेख करते हुए लिखा कि दिनांक 18.09.2023 को शाम में छात्रावास के मेस में पके भोजन को खाने के बाद लगभग 100 से अधिक छात्र-छात्राओं द्वारा विषाक्त भोजन करने के कारण उन सभी की अचानक तवीयत बिगड़ गई और कुछ छात्राओं को खून की उल्टियां तक हुई, किन्तु स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की मुस्तैदी के कारण किसी छात्र के साथ किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नही घटी और समय से सभी को अस्पताल पहुंचाया गया जिससे छात्र-छात्राओं को सकुशल बचाया जा सका |
श्री भनोत ने पीएम को प्रेषित पत्र में बताया कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में हुए इस घटना के बाद इस संस्था की तमाम अव्यवस्थाओं की पोल खुल गई है और स्थानीय समाचार पत्रों में छात्रावास में रहने वाले जनजाति छात्रों के साथ विद्यालय की प्रभारी प्राचार्य, छात्रावास के अधीक्षक और मेस के प्रभारी की मिलीभगत से किस प्रकार उन्हें घटिया स्तर का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है, इसका भी उल्लेख किया गया है | जबकि इस छात्रावास के संचालन और भोजन व्यवस्था के लिए केंद्र की जनजाति कार्य मंत्रालय द्वारा प्रति वर्ष 5 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान उक्त विद्यालय को आवंटित किया जाता है |
श्री भनोत द्वारा पीएम को प्रेषित पत्र में विद्यालय की तमाम गतिविधियों और आर्थिक अनियमितताओं के संबंध में वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अनूप शांडिल्य के द्वारा लिखित आवेदन और दस्तावेज भी का भी उल्लेख किया गया है, जिसमे स्कूल प्रबंधन के द्वारा मूल दस्तावेजों के साथ न केवल गंभीर छेड़छाड़ किया गया है, बल्कि कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग और फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपये की लूट की गई है और स्थानीय स्तर पर उच्च अधिकारियों के समक्ष तमाम साक्ष्य प्रस्तुत करने के बावजूद पूर्व में स्कूल प्रबंधन पर कोई कार्यवाही नही की गई है |
श्री भनोत पीएम से इस मामले में विद्यालय की गुणवत्ता और आर्थिक अनियमितताओं के सूक्ष्म जांच और जिम्मेदारों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करने तत्काल जनजाति कार्य मंत्रालय को निर्देशित करने का आग्रह किया है |

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