स्कूल के संचालक, सचिव गिरफ्तार, कोषाध्यक्ष भी फरार: फीस के नाम पर जॉय स्कूल ने 15 हजार 606 विद्यार्थियों से 25 करोड़ से ज्यादा वसूलें

जबलपुर, यशभारत। विजय नगर जॉय स्कूल के संचालक और सचिव को फीस वृद्वि के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। फीस के नाम पर जॉय स्कूल ने 15 हजार 606 विद्यार्थियों से थोड़े बहुत नहीं पूरे 25 करोड़ से ज्यादा रूपए की अवैध कमाई की है। जिला कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना की सूझ-बूझ और पारदर्शिता के चलते स्कूल स्केम का खुलासा होना संभव हो पाया है।

ऑडिट रिपोर्ट एवं बैलेंस शीट में परिलक्षित अनियमिततायें
3. CA द्वारा प्रतिवर्ष 02 संस्थाओं Joy Education Society एवम् Joy Senior Secondary School का लेखा परीक्षण किया गया। संस्था द्वारा उपरोक्त तथ्य स्वीकार कर कारण यह बताया गया है कि संस्था जाँय एजुकेशन सोसायटी द्वारा संचालित की जाती है।
4. मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियम) अधिनियम 2017 सहपठित नियम 2020 अंतर्गत नियम 5 अनुसार विद्यालय द्वारा फीस निक्षेप हेतु अभिहित केवल एक बैंक खाते (जो कि उस निजी विद्यालय का होगा) में ही समस्त प्राप्त फीस जमा करायी जावेगी एवं उसी खाते से समस्त संव्यवहार किया आवेगा।
5. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल दद्वारा दिनाक 18.10.2018 को अधिसूचित Affilition Bye-Laws के अध्याय 6 क्लॉस 6.2 अनुसार संस्था द्वारा किसी भी व्यक्ति संस्थान कंपनी / विद्यालय समिति अथवा किसी अन्य व्यक्ति । इकाई को आय का कोई भी भाग अंतरित नहीं किया जायेगा।
6. संस्था द्वारा उक्त विहित प्रावधानों का अनुचित लाभ कमाने के दुष्प्रयोजन से जानबूझकर उल्लंघन करते हुए आय मद में प्रथम दृष्टया व्यापक आपराधिक अनियमितताएँ निम्नानुसार कारित की गई है-
1. संस्था द्वारा कुछ फ़ीस (मुख्य रूप से Tuition fees, Term fees, Annual fees, Late fees) Joy Education Society के खाते में और कुछ स्विस (मुख्य रूप से Admission fees tra Examination fees) Joy Education Society के खाते में अभिभावको विद्यार्थियों से प्राप्त की गई है। संस्था द्वारा मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियम) अधिनियम 2017 सहपठित नियम 2020 अंतर्गत नियम 5 का स्प्ष्ट उल्लंघन करते हुए एक से अधिक बैंक खातों में प्राप्त कर, स्कूल की आय को कम करते हुए दिखाया गया जिसके फलस्वरूप आधिक्य कम दर्शाया गया।
ii. Joy Education Society के आय-व्यय पत्रक अनुसार FY 2017-18 से 2022-23 की अवधि में प्रबंधन के द्वारा प्रत्येक वर्ष Joy Senior Secondary School के पक्ष में “AID” के रूप में निम्नानुसार राशि अंतरित की गई है
इस प्रकार की गड़बड़ियां की गई
-संस्था द्वारा कुछ फीस (मुख्य रूप से ज्नपजपवद मिमे, ज्मतउ मिमे, ।ददनंस मिमे, स्ंजम मिमे) श्रवल म्कनबंजपवद ैवबपमजल के खाते में और कुछ स्विस (मुख्य रूप से ।कउपेेपवद मिमे जतं म्Ûंउपदंजपवद मिमे) श्रवल म्कनबंजपवद ैवबपमजल के खाते में अभिभावको विद्यार्थियों से प्राप्त की गई है। संस्था द्वारा मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियम) अधिनियम 2017 सहपठित नियम 2020 अंतर्गत नियम 5 का स्प्ष्ट उल्लंघन करते हुए एक से अधिक बैंक खातों में प्राप्त कर, स्कूल की आय को कम करते हुए दिखाया गया जिसके फलस्वरूप आधिक्य कम दर्शाया गया। पप. श्रवल म्कनबंजपवद ैवबपमजल के आय-व्यय पत्रक अनुसार थ्ल् 2017-18 से 2022-23 की अवधि में प्रबंधन के द्वारा प्रत्येक वर्ष श्रवल ैमदपवत ैमबवदकंतल ैबीववस के पक्ष में ष्।प्क्ष् के रूप में निम्नानुसार राशि अंतरित की गई है।
नियमों को दरकिनार कर बढ़ाई गई फीस
– म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनिसियमन) अधिनियम 2017 एवं म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनिमियमन) नियम 2020 के तहत फीस वृद्धि के लिए प्रक्रिया निधर्धारित की गई है।
– दिनाक 25.01.2018 में अधिनियम लागू हुआ जिसमें धारा 4(1) के अनुसार अधिनियम लागू होने के 90 दिन के अदर 3 वर्ष की ऑडिट रिपोर्ट की जानकारी जिला समिति को दिया जाना था जो नहीं दी गई तथा दिसंबर 2020 में जब नियम लागू हुआ तो ऑनलाईन पोर्टल पर प्रत्येक वर्ष की ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी थी जो जिला कार्यालय में जमा नहीं की गई। ऑडिट रिपोर्ट को पोर्टल पर अपलोड नहीं किया जाना एवं जिला स्तर पर पूर्व की रिपोर्ट भी जमा न करना अधिनियम की धारा 4 (1) सहपठित नियम 3(1) (दो) का उल्लंघन है।
-. म.प्र. निजी विद्यालय (फीस एवं संबंधित विषयों का विनियमन) सहपठित नियम 2020 के अंतर्गत अधिनियम की धारा 5(3) क एवं नियम 4(1) के अंतर्गत विगत वर्ष की तुलना में विद्यालय प्रबंधन द्वारा की गई 10 प्रतिशत तक की वृद्धि तभी मान्य होगी जब विद्यालय द्वारा नियम 5(2) के अतर्गत ऑडिट रिपोर्ट नियत समय में प्रस्तुत की जाये एवं उसके अतर्गत पूर्व वर्ष की प्राप्तियों का आधिक्य 15 प्रतिशत से कम हो तथा फीस वृद्धि के औचित्य सहित सम्यक सूचना जिला समिति को विहित समयावधि के पूर्व दी गई हो।
– म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियिम 2017 की धारा 4 (3) के अनुसार फीस संरचना को दस्तावेजों एवं लेखों के साथ प्रस्तुत करना तथा सहपठित म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 के नियम 3 (2) (चार) के तहत मदवार फीस वृद्धि की औचित्य सहित जानकारी प्रारूप-3 में प्रतिवर्ष शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के 90 दिवस पूर्व तक प्रस्तुत करना अनिवार्य है। उक्त जानकारी ससूचित होने के उपरात ही प्रस्तावित फीस वृद्धि को विहित प्रक्रिया अनुसार मान्य किया जाना अपेक्षित है।
-जॉय सीनियर सेकेण्डरी स्कूल विजयनगर जबलपुर प्रबंधन द्वारा अपने कार्यालयीन पत्र दिनांक 22ध्08ध्2022 जी कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत जबलपुर को सूचित करते हुए सत्र 2019-20 में ट्यूशन फीस में 10 प्रतिशत तक की वृधि, 2020-21 में ट्यूशन फीस में कोई वृद्धि नहीं, सत्र 2021-22 में ट्यूशन फीस में 10 प्रतिशत तक की वृद्धि, 2022-23 में ट्यूशन फीस में 10 प्रतिशत तक की वृद्धि किये जाने की जानकारी का उल्लेख पत्र में किया गया है। परन्तु निर्धारित प्रारूप 3 में मदवार फीस वृद्धि उपलब्ध नहीं कराए जाने तथा पूर्ववर्ती सत्री की ऑडिट रिपोर्ट जमा न करने तथा जांच के समय उपलब्ध कराई गई ऑडिट रिपोर्ट में आधिक्य 15 प्रतिशत से अधिक होने के कारण उपरोक्त वर्षों में की गई फीस वृद्धि मान्य नहीं है। केवल 2023-24 एवं 2024-25 में प्रारूप-3 के परिशिष्ट-1 में जानकारी दी गई है इसके साथ कभी भी ऑडिट रिपोर्ट न तो जमा करायी गई है नहीं पोर्टल पर अपलोड की गई।
स्कूल की ये अनियमितताएँ
(फीस तथा संबंधित विषयों का विनिमियमन) नियम 2020 के तहतनिम्नलिखित अनियमितताएँ किया जाना सिदध पाया जाता है-
1. ऑडिट रिपोर्ट को पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया। यह कृत्य अधिनियम की धारा 4 (1) सहपठित नियम 3(1) (दो) का उल्लंघन है।
ii. प्रस्तावित फीस वृद्धि संरचना की जानकारी प्रारूप-3 में सतत पाँच वर्षों तक प्रस्तुत नहीं की गई। अनुचित लाभ कमाने के प्रयोजन से फीस वृद्धि के औचित्य को जानबूझकर पालकों, जिला समिति एवं अन्य अधिकारियों के समक्ष प्रदर्शित नहीं किया गया। यह कृत्य अधिनियम की धारा 3 (1) सहपठित नियम 3(2) (चार) का उल्लंघन है।
iii. 10 प्रतिशत तक फीस वृद्धि की जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं की गई। फीस वृद्धि के औचित्य को जान बूझकर छुपाया गया और पालकों तथा जिला समिति एवं अन्य अधिकारियों के समक्ष प्रदर्शित नहीं किया गया तथा फीस की वसूली की गई। यह कृत्य नियम 3(2) (चार) एवं 4(1) का स्पष्ट उल्लंघन है।
iv. जिला समिति/राज्य समिति की स्वीकृति प्राप्त किए बगैर विगत वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत से अधिक
फीस की वृद्धि कर वसूली की गई। यह कृत्य अधिनियम की धारा 5(3) (ख) सहपठित नियम 4(2) एवं
धारा 5(3) (ग) का उल्लंघन है जिस कारण से नियम 4(3) की कार्यवाही का पालन नहीं हुआ। v. अधिनियम कि धारा 5(2) के अनुसार वार्षिक प्राप्तियों का अधिक्य कुल प्राप्तियों से 15% कम होने पर ही फीस वृद्धि लागू की जा सकती है, उक्त धारा का उलंघन कर फीस में वृद्धि की गई है।
vi. विद्यालय प्रबन्धन द्वारा विगत वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत तक अथवा अधिक की फीस वृद्धि की जानकारी की ना तो सार्वजनिक किया गया और ना ही आजापक प्रावधानों का पालन कर उसकी जानकारी सक्षम प्राधिकारियों को दी गई। प्रबंधन द्वारा जानबूझ कर 10 प्रतिशत तक अथवा अधिक की फीस वृद्धि की जानकारी को छुपाया गया ताकि अवैधानिक तरीके से गुपचुप उक्त राशि को वसूल कर अनुचित लाभ कमाया जा सके। विद्यालय प्रबंधन का यह कृत्य अनुचित लाभ कमाने के लिए धोखाधड़ी की श्रेणी का
होकर भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध है। इस प्रकार विद्यालय प्रबंधन द्वारा 15606 छात्रों से रुपए 25,21,12,040 (अक्षरीः पच्चीस करोड़ इक्कीस लाख बारह हजार चालीस रूपये) अवैधानिक रूप से वसूल कर अनुचित लाभ कमाकर धोखाधड़ी कारित
की गई है।