बिना केवाईसी के नहीं मिल पाएगी सम्मान निधि, किसानों के खसरे आधार से हो रहे लिंक, 300000 किसानों ने करवाया अपडेट
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जबलपुर, यश भारत। केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को दी जा रही सम्मान निधि को लेकर नई व्यवस्था पर काम चल रहा है। जिसमें किसानों के जमीनों के खसरों की केवाईसी के माध्यम से आधार से लिंक करे जा रहे हैं। आने वाले समय में जिन किसानों के खसरे आधार से लिंक नहीं होंगे उनके खाते में सम्मान निधि की राशि नहीं आएगी । इसको लेकर बड़े स्तर पर राजस्व महा अभियान के तहत खसरों को लिंक किया जा रहा है जिसमें 3 लाख खसरों को लिंक कर लिया गया है लेकिन अभी भी एक बहुत बड़ा लक्ष्य है जो पाना बाकी है।
बहुत से नाम हो जाएंगे बाहर
किसान सम्मन निधि को लेकर केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार की बहुत सारी शर्ते हैं, जिसमें जमीन का रकवा और सरकारी नौकरी जैसी बाध्यताएं हैं आधार का खसरे से लिंक हो जाने के बाद ऐसे बहुत से लोग हैं जो योजना का फायदा नहीं ले पाएंगे, वहीं ऐसे बहुत से लोग हैं जो उच्च आय वर्ग के हैं लेकिन इस योजना के माध्यम से सम्मान निधि प्राप्त कर रहे थे वे बाहर भी हो सकते हैं। जिसके चलते प्रशासन ज्यादा से ज्यादा लोगों की केवाईसी का प्रयास कर रहा है।
सीमांकन और नामांतरण में सत प्रतिशत सफलता
जिले में अभी तक 8 लाख 52 हजार 521 राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। कलेक्टर कार्यालय की भू-अभिलेख शाखा के अनुसार 15 नवम्बर से 26 जनवरी तक चलाये जा रहे राजस्व महाअभियान के तहत जिले में नामांतरण, बंटवारा और अभिलेख दुरूस्ती, के शत-प्रतिशत एवं सीमांकन के 99.91 फीसदी प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। निराकृत किये गये राजस्व प्रकरणों में नामांतरण के 4 हजार 700, बंटवारा के 199, अभिलेख दुरूस्ती के 244, सीमांकन के 1 हजार 077, परंपरागत रास्तों के चिन्हांकन के 4, नक्शा बटांकन के 1 लाख 63 हजार 118, आधार से आरओआर खसरे की लिंकिंग के 5 लाख 49 हजार 879, पीएम किसान ई-केवायसी के 3 हजार 631 एवं फार्मर रजिस्ट्री के 1 लाख 29 हजार 669 के प्रकरण शामिल हैं।