जबलपुर यश भारत।यश भारत की खबर पर कमलनाथ के नजदीकी सज्जन सिंह वर्मा ने मोहर लगा दी है जिसमें कि कुछ दिन पूर्व तंखा द्वारा यह बयान दिया था कि मैं और कमलनाथ कहीं नहीं जा रहे हैं।इस दौरान तंखा ने कहा था कि
-ना मैं ना कमलनाथ , कहीं नहीं जा रहे हैं। अन्नू और शशांक शेखर के भाजपा में जाने के बाद दल बदल राजनीतिक घटनाक्रम के बीच तरह तरह की चर्चाएं चल रही है इन चर्चाओं के बीच यशभारत ने आज राज्य सभा सांसद विवेक तंखा से यह पूछा था कि क्या आप की भी भाजपा में जाने की चर्चा है तो उन्होंने हंसते हुए व्यंग्यात्मक लहजे में कहा था कि न हमसे किसी ने चर्चा की है और न सवाल उठता है कि हम भाजपा में जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि ना मैं ना कमलनाथ हम दोनों ही भाजपा में नहीं जा रहे हैं यह कोरी अफवाह है ।वेवजह की फैलाई जा रही अफवाहों से कोई वास्ता नहीं है।इस तरह तंखा जी ने यह स्पष्ट किया है कि भाजपा में शामिल होने कि खबरें पूर्ण रूप से निराधार है ।इस प्रकार यह बात स्पष्ट हो गई कि आगामी चुनाव में तन्खा और कमलनाथ कांग्रेस को और भी मजबूत करेंगे। वहीं इसी तरह बीते दिन के मध्य और भी कई प्रकार के राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिले जिसमें कि कमलनाथ और नकुलनाथ के भी भाजपा में जाने की बात हो रही थी परंतु तमाम अटकलो के बीच कमलनाथ से मिले पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा मीडिया से बातचीत में बोला कि कमलनाथ जी का फिलहाल कांग्रेस छोड़ने का कोई प्लान नहीं है ।पार्टी छोड़ने की बात पर बोले वर्मा, ऐसे फैसले सामूहिक रूप से होते हैं।वर्मा बोले, कमलनाथ जी की बात ज़रूर हुई राहुल गाँधी से परन्तु व आगामी न्याय यात्रा को लेकर चर्चा हुई है।कमलनाथ कल भी और आज भी कांग्रेस के साथ है। नेहरू -गाँधी परिवार से उनके पारिवारिक रिश्ते 40साल से कांग्रेस से जुड़े हैं।
सज्जन सिंह वर्मा के इस बयान के बाद यश भारत की कल की खबर पर मुहर लग गई है जिसमें कि यश भारत ने पाठकों को इस बात से अवगत कराया था कि कमलनाथ भाजपा में नहीं जा सकते ।देश के राजनीतिक घटनाक्रम एक बार फिर चौका सकता हैं । जो बातें सामने आ रही हैं उसे ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भाजपा में नहीं जा रहे हैं। बल्कि वे भाजपा में जाने की बजाय और कांग्रेस में रहने की बजाय स्वयं को तटस्थ भूमिका में जा सकते है। उनके पुत्र नकुलनाथ संभवत भाजपा की सदस्यता ले सकते हैं। यह उल्लेखनीय है कि उनका राजनीतिक जीवन 1980 में छिंदवाड़ा से बतौर सांसद शुरू हुआ था उसके बाद में भारत सरकार के अनेक विभागों में मंत्री भी रह चुके हैं साथ ही साथ कांग्रेस महासचिव कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की कमान भी संभाल चुके हैं । राजनीति की गहरी पकड़ रखने वालों का मानना है कि वह जिस स्तर के नेता है ऐसे में वे भाजपा में यदि जाते हैं तो फिर वह किस स्तर पर और क्या काम करेंगे यह बात स्पष्ट नहीं हो पा रही है । जो बात छन छन कर सामने आ रही है उसमें ऐसा लगता है की कमलनाथ संभवत भाजपा में नहीं जाएंगे । बर्तमान राजनीतिक स्थिति को देखते हुए वह सक्रिय राजनीति से दूर हो सकते हैं। ऐसे में उनके समर्थक पसुपेश में है, कि वह क्या करें हालांकि समय रहते सभी तस्वीरें सामने आ जाएगी।