शोध -पाकिस्तान की रहस्यमय जनजाति के बारे में बड़ा खुलासा: दुनिया की सबसे सुंदर महिलाएं जिन्हें पसंदीदा मर्द संग भागने की आजादी…

इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से 400 किलोमीटर दूर चित्राल जिले में स्थित कलश घाटी में महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं। वे अपना प्रेमी चुन सकती हैं। अपनी शादी तोड़ सकती हैं। शादी के बाद दूसरे पुरुष के साथ भाग सकती हैं। उनके फैसले में केवल परिवार ही नहीं, उनके माता-पिता भी साथ देते हैं। यह पाकिस्तान के उस बड़े हिस्से से बहुत अलग है, जहां महिलाओं के अधिकार से लेकर उनके व्यवहार तक को रूढ़िवादी इस्लामी नजरिए से नियंत्रित किया जाता है।
कलश समुदाय की खूबसूरती
कलश लोगों को कलाशा या काफिर भी कहकर बुलाया जाता है। कलश लोग अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं। कलश महिलाओं को दुनिया की सबसे सुंदर महिलाओं में माना जाता है। कलश लोग इस घाटी में सदियों से रह रहे हैं, लेकिन आज भी दुनिया के लिए रहस्य बने हुए हैं। उनकी शारीरिक बनावट उनके पश्तून पड़ोसियों से बिल्कुल अलग है। ऐसे में सवाल उठता है कि कलश लोग आखिर कहां से आएं हैं। पाकिस्तान में एक शोध में इनके बारे में नया खुलासा हुआ है।
कलश लोगों के बारे में एक प्रमुख मान्यता है कि ये सिकंदर महान के वंशज हैं। इनके गोरे रंग और हल्की आंखों के आधार पर ये दावा किया गया। कलश लोग शालक शाह को अपना पूर्वज बताते हैं। इसे सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस से जोड़ा जाता है, जो बैक्ट्रिया का गवर्नर था। माना जाता है कि य वही हो सकती है जिसने कलश लोगों को यहां बसाया था। एक और दावा है कि कलश लोग सिकंदर की सेना से पीछे छूट गए थे और यहीं रहने लगे। इस्लामाबाद थिंक टैंक के एक शोध में अब नया दावा किया है कि कलश लोग जेबुसाइट या कैनन लोगों का एक उपसमूह हैं। वर्तमान इजरायल को अब्राहम के आने से पहले कैनन क्षेत्र के नाम से जाना जाता था।
कलश डीएनए क्या बताता है
शोध में माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए रिसर्च के हवाले से दावा किया गया है कि कलश लोग ज्यादातर पश्चिमी यूरेशिया से ताल्लुक रखते हैं। कलश आबादी के ज्यादातर हैप्लोग्रुप उस क्षेत्र की ओर इशारा करते हैं जो कैनन या वर्तमान इजराइल-फिलिस्तीन, लेबनान और सीरिया भी है। शोधकर्ताओं द्वारा किए गए कई हालिया अध्ययनों से यह प्रमाणित होता है कि कलश लोग पश्चिमी यूरेशिया से आते हैं जहां त्सियॉन या त्सियम का रहस्यमय स्थान मौजूद है। कलश लोगों की पारंपरिक कहानियों में बताया जाता है कि त्सियान उनका मूल स्थान है।