जबलपुरमध्य प्रदेश

साहित्यिक सम्मान समारोह में देश के ख्यातिलब्ध लेखक हुए सम्मानित

विशिष्ट अतिथि के यश भारत के संस्थापक श्री आशीष शुक्ला रहे मौजूद

जबलपुर, यशभारत। डॉ. सुमित्र संस्कृति और संस्कारों के संवाहक थे उनका सृजन और चिंतन पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्पद रहा। वो एक ऐसी पाठशाला थे, जिनके सानिध्य में जीवन और सृजन का ज्ञान मिलता था। तदाशय के उद्वार पायेय साहित्य कला अकादमी के तत्वावधान में क्लावीथिका में आयोजित डॉ. राजकुमार सुमित्र स्मृति सृजन एवं काव्य सम्मान समारोह में अतिथियों ने व्यक्त किये। समारोह की अध्यक्षता महाकवि आचार्य भगवत दुबे ने की। मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी श्री अशोक मनोध्याय थे। विशिष्ट अतिथि के यश भारत के संस्थापक श्री आशीष शुक्ला, पूर्व महापौर प्रभात साहू, विधायक डॉ. अभिलाष पांडे रहे।

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समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार प्रतुल श्रीवास्तव को सुमित्र सृजन सम्मान एवं कवयित्री प्रतिमा अखिलेश को सुमित्र कविता सम्मान से शाल, मानपत्र, अलंकरण, नगद राशि देकर सम्मानित किया गया। साथ ही बसंत मिश्रा को रचनात्मक फोटो पत्रकारिता के लिए, दविंदर सिंह ग्रोवर एवं रवि शुक्ला को कला के लिए सम्मानित किया गया। उक्त सम्मान अतिथियों सहित डॉ. हर्ष तिवारी, मोहिनी तिवारी, सोनल पांडे एवं आराध्या प्रियम ने प्रदान किया। संचालन कर रहे राजेश पाठक प्रवीण ने सम्मानित साहित्यकारों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।

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सृजन और संस्कृति की पाठशाला थे डॉ. सुमित्र 

मुख्य अतिथि अशोक मनोध्याय ने सम्मान परंपरा को प्रेरणा का प्रतीक बताते हुए कहा कि डॉ सुमित्र मनसा, वाचा, कर्मणा से साहित्य एवं पत्रकारिता के लिए समर्पित रहे। यशभारत के संस्थापक आशीष शुक्ला ने अत्यंत भावुक होकर डॉ. सुमित्र जी एवं स्व. अरुण शुक्ल के संस्मरण सुनाते हुए कहा कि जब मैं छोटा था तब यह नहीं जानता था कि मेरे पापा के साथ रहने वाले व्यक्ति कितने महान थे। आज उन सबको याद करते हुए आंखें भर आती हैं। डॉ. शिवकुमार ठाकुर ने सुमित्र जी के व्यक्तित्व कृतित्व पर आलेख प्रस्तुत किया।

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विविध संस्थाएं हुई सम्मानित

समारोह में नगर में क्रियाशील विविध संस्थाएं मित्र संघ, मिलन, गुंजन कला सदन, गोविंदगंज रामलीला समिति, गढ़ा रामलीला समिति, समिति, समरसता सेवा संगठन, वर्तिका, मंचदीप, अनेकांत, संस्कार भारती, जागरण साहित्य, त्रिवेणी परिषद, प्रसंग, गीत पराग, आभा साहित्य संघ, मंथनश्री, हिंदी लेखिका संघ, बुंदेली संस्कृति संगम, सशक्त हस्ताक्षर, साहित्य सहोदर, विविधा कला अकादमी, हिंदी सेवा समिति, सनाढ्य संगम, नमस्ते पहल, अंतस संस्था, सुप्रभातम एवं सिद्धार्थ फाउंडेशन आदि संस्थाओं से जादूगर निगम, सच्चिदानंद शेकटकर, संदीप जैन, डॉ. तनूजा चौधरी, के. के.नाईकर, रजनीश गर्ग, विजय जायसवाल, पवन पांडे , मनीष पाठक, लोकराम कोरी, मगन पटेल, राकेश पाठक, राजेश नेमा, मृगेंद्र नारायण सिंह, डॉ. शोभा सिंह, विजय नेमा अनुज, प्रभा खरे, राजेंद्र मिश्रा डॉ. संध्या जैन श्रुति, अजय बोपचे, राकेश माहेश्वरी, विजयश्री मिश्रा, सुभाष शलभ, रत्ना ओझा, डॉ. सल्पनाथ यादव, संतोष नेमा, डॉ. कामना कौस्तुभ, माधुरी मिश्रा, प्रभा विश्वकर्मा, आशुतोष तिवारी, गणेश प्यासा, चंद्रप्रकाश वैश्य, डॉ. उदयभानु तिवारी, अनुराधा, डॉ सलमा जमाल, चंद्रप्रकाश वैश्य, देवेंद्र पांडे, महेश स्थापक, दिवाकर शर्मा, अमितसिंह, डॉ. अनिल कोरी, विनीत पैगबार, आलोक पाठक, सोमेश सराफदीनदयाल तिवारी, बच्चन श्रीवास्तव, रजनी कोठारी, रजिया आशी, प्रभा श्रीवास्तव, वंदना सोनी, मनीषा गौतम, अरुण शुक्ल, पी के पासी, सुरेश यादव, आशा मालवीय, रमाकान्त गौतम को सम्मानित किया गया।

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