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नागपुर में बर्ड फ्लू से 3 बाघों और तेंदुए की मौत के बाद रेड अलर्ट, भारत में पहला ऐसा मामला

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नागपुर : महाराष्ट्र के नागपुर में इन दिनों हड़कंप मचा है। गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में अत्यधिक रोगजनक एवियन फ्लू H5N1 वायरस के संक्रमण से तीन बाघ और एक वयस्क तेंदुए की मौत हो गई। यह पहला मामला है जब देश में इस वायरस ने विशेष रूप से कैद में रहने वाले वन्यजीवों को इतनी बड़ी संख्या में प्रभावित किया है। महाराष्ट्र के चिड़ियाघरों, बचाव और पारगमन केंद्रों में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है।

जानवरों की पिछले सप्ताह मृत्यु हो गई थी। उनके नमूने ICAR-राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, भोपाल भेजे गए थे। हायर सेंटर में जांच के बाद मारे गए जानवरों में H5N1 वायरस की पुष्टि हुई है। गोरेवाड़ा परियोजना के प्रभागीय प्रबंधक एसएस भागवत ने बताया कि इलाके में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है।

दिसंबर में लाए गए थे जानवर

एसएस भागवत ने कहा कि दिसंबर में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं के बाद इन जानवरों को चंद्रपुर से केंद्र में स्थानांतरित किया गया था। उनमें एक सप्ताह के भीतर एवियन फ्लू वायरस के लक्षण दिखने लगे।

 

बाड़ों को किया गया सैनिटाइज

अधिकारियों ने बताया किरोकथाम प्रोटोकॉल लागू किए गए हैं। शेर, तेंदुए और बाघ जैसे बड़ी बिल्लियों को रखने वाले बाड़ों को सैनिटाइज किया गया है। आग बुझाने वाले यंत्रों से बड़े पैमाने में छिड़काव किया गया है।

 

सारे बाघों और तेंदुओं की जांच

भागवत ने कहा कि अतिरिक्त 26 तेंदुओं और 12 बाघों की जांच की गई और उन्हें स्वस्थ घोषित किया गया। उन्होंने कहा, ‘यह आगंतुकों के लिए बंद सुविधा है। कर्मचारियों और देखभाल करने वालों की स्क्रीनिंग की गई है और चिंता की कोई बात नहीं है। पशुपालक पीपीई किट का उपयोग कर रहे हैं।’

 

पक्षियों पर सबसे ज्यादा करता है असर

मनुष्यों में जूनोटिक बीमारी के क्रॉस-संक्रमण के मामले कम ही देखने को मिलते हैं। वन्यजीव अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र, गोरेवाड़ा ने कहा कि एवियन इन्फ्लूएंजा मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है। हालांकि कुछ मामलों में H5N1 और H5N8 संक्रमित पक्षियों या उनके दूषित वातावरण के संपर्क के माध्यम से बड़ी बिल्लियों (बाघ, तेंदुए) और अन्य सहित स्तनधारियों को संक्रमित करने की क्षमता होती है।

सेंटर ने कहा कि जंगली मांसाहारियों में एवियन इन्फ्लूएंजा के प्रकोप को संक्रमित शिकार या कच्चे मांस के सेवन से जोड़ा गया है। केंद्र के पशुपालन और डेयरी विभाग ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को बीमारी के आगे प्रसार को रोकने के लिए जैव सुरक्षा उपायों को लागू करने का निर्देश दिया है।

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