सफाई कर्मी के भरोसे रादुवि का मूल्यांकन सेल, 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हुए मुख्य समन्वयक, दूसरे प्राध्यापक गैरहाजिर, शिक्षकों की कमी बनी बड़ी वजह
यशभारत जबलपुर: रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी का असर शिक्षण के साथ परीक्षाओं पर भी दिखने लगा है। 31 अक्टूबर का मुख्य समन्वयक स्नातक मूल्यांकन सेल के प्रभारी सेवानिवृत्त हो गए है लेकिन उनकी जगह किसी योग्य प्राध्यापक की नियुक्ति नहीं हुई है नतीजा सफाई कर्मी (फर्राश) के पद पर पदस्थ कर्मी संजय तिवारी को मूल्यांकन से जुड़ा कार्य देखना पड़ रहा है। इधर मूल्यांकन में यदि किसी तरह की खामी आती है तो जाहिर है कि विद्यार्थियों को इसका खामियाजा भुगतना होगा।
बता दे कि विश्वविद्यालय में 150 शिक्षकों के पद है जबकि मौजूदा समय में 30 शिक्षक ही पदस्थ है शेष पद रिक्त बने हुए हैं। ऐसे में जहां विभागों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की कमी है वहीं प्रशासनिक कामकाज में भी उनकी भूमिका होने से अकादमिक कार्य प्रभावित हो रहा है। परीक्षा विभाग में मुख्य परीक्षा नियंत्रक के अलावा यूजी और पीजी के लिए अलग-अलग समन्वयक बनाए गए हैं। जिनका कार्य कापियों को कालेजों से बुलाना और उन्हें योग्य शिक्षकों के पास मूल्यांकन के लिए भेजना होता है। अभी तक यूजी में प्रो.एनसी पेंडसे और डा.अश्वनी जायसवाल को यह काम मिला हुआ था। डा.पेंडसे सेवानिवृत्त् हो गए है और डा.अश्वनी जायसवाल समय नहीं दे पाते हैं जिस वजह से वह परीक्षा विभाग में नहीं आते हैं। ऐसे में फर्राश के पद पर पदस्थ कर्मी इस जवाबदेही को पूरा कर रहा है। सवाल ये उठता है कि यदि मूल्यांकन के लिए कापियां आयोग्य शिक्षक के पास भेजी गई तो हजारों विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम प्रभावित हो सकता है। इधर प्रशासन का कहना है कि जल्द नए शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इस संबंध में प्रक्रिया की जा रही है।
विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। प्रो.पेडंसे सेवानिवृत्त हो गए है जिनके पास कुलपति से चर्चा कर नए शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है। इस कार्य के लिए कई शिक्षकों से बातचीत हुई है। जल्द ही प्रशासनिक स्तर पर नियुक्ति की जाएगी।
प्रो.रश्मि मिश्रा, परीक्षा नियंत्रक रादुवि