PSC 2020 की प्रारम्भिक परीक्षा- NCERT सहित हिंदी ग्रंथ अकादमी की पाठ्यपुस्तकों/पाठ्यक्रमो को हाईकोर्ट ने अमान्य किया
जबलपुर – PSC परीक्षा 2020 की प्रारम्भिक परीक्षा का घोषित परिणाम से क्षुव्ध होकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट मे कई छात्रों, द्वारा याचिकाए दाखिल करके आयोग द्वारा प्रश्नपत्र कर्मांक एक समान्य आध्यन के कई प्र्श्नो के उत्तरो मे भिन्नता एवं त्रुटि को चुनोती दी गई थी जिसमे प्रश्न था ‘आदि ब्रह्म समाज की स्थापना किसने की ? NCERT एवं मध्य प्रदेश हिन्दी ग्रंथ-अकादमी सहित अन्य प्रकाशको की पुस्तकों मे ‘केशव चंद सेन’ उल्लिखित है, जबकि आयोग ने केशव चंद सेन पर टिक मार्क करने वालो को अंक नही दिए अर्थात आयोग ने सही उत्तर माना ‘देवेन्द्र नाथ टेगोर’ ! पूर्व मे उक्त याचिकाओ की सुनवाई न्यायमूर्ति एस॰ ए॰ धर्माधिकारी ने करते हुए समस्त याचिकाओ मे अन्तरिम आदेश जारी कर केशव चंद सेन को मान्य किया था, तथा आयोग से उक्त समवंध मे एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट को कोर्ट मे दाखिल करने का निर्देश भी दिया गया था, जिस पर हाईकोर्ट ने दिनांक 03/03/2022 को न्यायमूर्ति श्री विवेक अग्रवाल द्वारा उक्त समस्त याचिकाओ की एक साथ विस्तृत सुनवाई करते हुए आदेश हेतु रिजर्व रखा था ! आज 07/3/2022 को फैसला रीलीज़ करते हुए हाईकोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट को मान्य करते हुए भारत सरकार के गजेटियर को आधार मानकर आदि ब्रह्म समाज के संस्थापक के रूप मे देवेन्दनाथ टेगोर को मान्य करते हुए उक्त समस्त याचिकाए खारिज करते कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा गया की मैं डिवीजन बैंच के पूर्व निर्णय को मानने वाद्य हू आप चाहे तो मेरे आदेश की रिट अपील कर सकते है ! छात्रों की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने डिवीजन बैंच मे रिट अपील दाखिल कर दी गई है जिसमे प्रमुख रूप से आयोग के नियमानुसार विवाद की स्थिति मे दोनों उत्तरो को मान्य करने की राहत चाही गई है ताकि याचिका कर्ता मुख्य परीक्षा 2020 मे शामिल हो सके !