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सहायक ग्रेड-3 बाबू की संसदीय कार्य विभाग को जरूरत, साइंस यूनिवर्सिटी भेजने तैयार नहीं

एनएसूयाअई प्रदेश उपाध्यक्ष ने भ्रष्टाचार के लगाए गंभीर आरोप

जबलपुर, यशभारत। मप्र आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 बाबू को लेकर विवाद शुरू हो गया है, बाबू की प्रतिनियुक्ति को लेकर एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष का कहना है कि उक्त बाबू की मूल पदस्थापना संसदीय कार्य विभाग में है लेकिन 4 साल पहले प्रतिनियुक्ति पर बाबू मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में पदस्थ है। सबसे हैरानी की बात ये है कि संसदीय कार्य विभाग उक्त बाबू को अनेक बार मूल विभाग में लौटने को बोल चुका है लेकिन साइंस यूनिवर्सिटी के अधिकारी बाबू की प्रतिनियुक्ति समाप्त नहीं करना चाहते हैं।

एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने बताया कि संसदीय कार्य विभाग में कर्मचारियों की कमी के कारण विभागीय कार्य अत्यधिक बाधित हो रहा है। इसी संदर्भ में विभाग द्वारा पूर्व में भी पी. रोबिन, सहायक ग्रेड-3 की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उन्हें उनके मूल विभाग में वापस भेजने का निवेदन किया गया था। परंतु, मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में आज तक उनकी सेवाएं वापस नहीं की गई हैं, जिससे विभागीय कार्य प्रभावित हो रहा है।

भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है बाबू पर
रविपरमार का आरोप है कि बाबू पी. रोबिन के विरुद्ध विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। बाबू भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और अवैध धनराशि विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों तक पहुंचाई जा रही है, जिसके कारण उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त नहीं की जा रही है। यह न केवल विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल कर रहा है, बल्कि प्रशासनिक कार्यों में भी भारी अनियमितताओं का कारण बन रहा है।
विशेष रूप से, विश्वविद्यालय में परीक्षाओं में पास-फेल होने और मार्कशीट में गलतियों से संबंधित अनियमितताएँ भी सुर्खियों में रही हैं, जिनसे शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। पी. रोबिन की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिए , घटना इनके भ्रष्ट आचरण की ओर इशारा करती है ।

तत्काल समाप्त की जाए प्रतिनियुक्ति
एनएसयूआई ने मांग रखी है कि ऐसी स्थिति में, पी. रोबिन की प्रतिनियुक्ति तत्काल समाप्त कर उन्हें उनके मूल विभाग में वापस भेजना नितांत आवश्यक है, ताकि विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लग सके और संसदीय कार्य विभाग का कार्य भी सुचारू रूप से संपन्न हो सके।

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