जबलपुरदेशभोपालमध्य प्रदेशराज्य
पहलगाम हमला: सुरक्षा चूक स्वीकार, सरकार की कार्रवाई, विपक्ष का समर्थन
सर्वदलीय बैठक में गृह मंत्री ने मानी खामी, राहुल गांधी ने दिया सरकार को पूरा साथ

नई दिल्ली: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने आखिरकार सुरक्षा में चूक की बात स्वीकार कर ली है। बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह ने घटना की जानकारी दी और माना कि कुछ कमियां रह गईं। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस मुश्किल घड़ी में सरकार को हरसंभव सहयोग देने का ऐलान किया है।
बैठक के मुख्य अंश:
- सुरक्षा में चूक पर मुहर: गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि पहलगाम में सुरक्षा में चूक हुई, जिसके कारण आतंकियों को हमला करने का मौका मिला।
- इंटेलिजेंस पर उठे सवाल: विपक्षी दलों ने इंटेलिजेंस एजेंसियों की विफलता और घटनास्थल पर पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती न होने पर सवाल खड़े किए। राहुल गांधी ने पूछा कि हमले के समय उस इलाके में सुरक्षाकर्मी क्यों मौजूद नहीं थे।
- अमरनाथ यात्रा मार्ग का जिक्र: सरकार ने सफाई देते हुए बताया कि जिस रास्ते पर हमला हुआ, वह आमतौर पर जून में अमरनाथ यात्रा के लिए खुलता है और इस बार स्थानीय टूर ऑपरेटरों ने बिना जानकारी दिए पर्यटकों को वहां ले जाना शुरू कर दिया था, जिससे सुरक्षा व्यवस्था कमजोर रह गई।
- सिंधु जल संधि पर मतभेद: एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाया, जबकि सरकार ने इसे पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने की कार्रवाई बताया।
- विपक्ष का एकजुट रुख: राहुल गांधी ने बैठक के बाद कहा कि सभी दलों ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है और सरकार जो भी कार्रवाई करेगी, विपक्ष उसका पूरा समर्थन करेगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी शांति बनाए रखने के प्रयासों पर जोर दिया।
- राष्ट्रपति को दी गई जानकारी: सर्वदलीय बैठक से पहले गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें स्थिति से अवगत कराया।
भारत की जवाबी कार्रवाई:
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी सीमा बंद करना और पाकिस्तानी राजनयिकों को वापस भेजना शामिल है।