सी-डैक सिस्टम से मरीजों में हाहाकार न इलाज मिल रहा-न दवा सीजीएचएस डिस्पेंसरियों में हृढ्ढष्ट की जगह नया सॉफ्टवेयर लाने से मरीजों की दिक्क्तें बढ़ रहीं

सी-डैक सिस्टम से मरीजों में हाहाकार
न इलाज मिल रहा-न दवा सीजीएचएस डिस्पेंसरियों में हृढ्ढष्ट की जगह नया सॉफ्टवेयर लाने से मरीजों की दिक्क्तें बढ़ रहीं
जबलपुर, यशभारत। (सीजीएचएस) में नई व्यवस्था के चलते सभी डिस्पेंसरियों के मरीजों में हाहाकार मचा हुआ है। मरीजों को न इलाज मिल रहा है, न समय पर दवाएं मिल रही हैं। हार्ट, शुगर, कैंसर के मरीज खासे परेशान हो रहे हैं। यह स्थिति सीजीएचएस के नए सॉफ्टवेयर के कारण बनी है। पहले जबलपुर सहित देश की सभी डिस्पेंसरियों में एनआईसी (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) सिस्टम काम करता था। इसे हटाकर सी-डैक (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग) सिस्टम लाया गया है। इसकी धीमी गति व सर्वर प्रॉब्लम ने मरीजों की टेंशन बढ़ा दी है। हजारों मरीज प्रभावित हुए
सी-डैक सिस्टम 25 अप्रैल से प्रभावी हुआ है। जानकारी के मुताबिक इसे हेल्थ मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) द्वारा विकसित किया गया है। इस सिस्टम के कारण एक डॉक्टर मुश्किल से 10 से 15 मरीज ही देख पाते हैं, जबकि पुराने एनआईसी सिस्टम में एक डॉक्टर करीब 125 मरीज देख लेते थे। सी-डैक के कारण रोज सैकड़ों मरीज प्रभावित हो रहे हैं। सीजीएचएस डिस्पेंसरी में लोकल पर्चेस (एलपी) की दवाएं मरीजों को नहीं मिल रही हैं। पिछले 10 दिनों से मरीज एलपी दवाओं के लिए डिस्पेंसरी के चक्कर लगा रहे हैं। इस संबंध में डॉक्टरों से पूछा गया तो वे कहते हैं कि नए सी-डैक सिस्टम में एलपी दवाओं का ऑप्शन ही नहीं दिखता, जिससे लोकल दवाओं की खरीदी नहीं हो पा रही है। इसका असर मरीजों पर पड़ रहा है। बिना इलाज के लौट रहे मरीज
डाकघर की सीजीएचएस डिस्पेंसरी में डॉक्टर को दिखाने के लिए लाइन लगाकर खड़े मरीजों ने बताया कि नया सिस्टम ऑनलाइन अप्वॉइंटमेंट नहीं ले पा रहा है। एक मरीज को डॉक्टर के पास जाने में आधा घंटा लग रहा है। कई बार तो अप्वॉइंटमेंट बुक होने के बाद भी इनके वेलनेस सेंटर के सिस्टम में नहीं दिखता, जिसके कारण मरीजों को काउंटर पर दोबारा बुकिंग करानी पड़ रही है। इसका सर्वर भी बार-बार जाम हो रहा है। यही हाल सभी डिस्पेंसरियों में हैं।
सैकड़ों शिकायतें की जा रहीं, नहीं हो रही सुनवाई सी-
डैक सिस्टम ने मरीजों का मर्ज बढ़ाकर रखा है। जबलपुर की सभी डिस्पेंसरियों में मरीजों के हाल-बेहाल हैं। न इलाज मिल रहा, न दवा। डिस्पेंसरी के लोग बताते हैं कि हर दिन दर्जनों शिकायतें की जा रही हैं। पिछले कई दिनों से सी-डैक के जिम्मेदारों को सैकड़ों शिकायतें की जा चुकी हैं।
सी-डैक सिस्टम में क्यों आ रही दिक्कत
सीजीएचएस का पुराना एनआईसी सॉफ्टवेयर 2005 से उपयोग किया जा रहा था। बताया जाता है कि इसमें आधुनिक साइबर सुरक्षा से निपटने की क्षमता नहीं थी, इसलिए इसे बदलकर सी-डैक सिस्टम लाया गया है।