अंगदान महादान : लिवर दान कर मरीज की बचाई जिन्दगी , मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल में हुआ ऑर्गन रिट्रिवल
– ब्रेन डेड मरीज के परिजन की सहमति से लीवर- रिट्रिबल
जबलपुर, यशभारत। बड़ेरिया मेट्रो प्राइम मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के द्वारा शुरू की अंग दान मुहीम रंग ला रही है । हॉस्पिटल के द्वारा किये गए अंग दान से संबंधित कार्यक्रमों से प्रेरित होकर मरीज और उसके परिजन अब अंग दान के लिए आगे आ रहे है । जिसके चलते कंचन बिहार विजय नगर में रहने वाले 64 वर्षीय राजेश सराफ के परिजन अंग दान करने के लिए आगे आये और उन्होंने भोपाल के हॉस्पिटल में भर्ती एक मरीज को लिवर दान (ऑर्गन रिट्रिवल)करने का निर्णय लिया। इसी के तहत शहर में ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है , ग्रीन कॉरिडोर दमोह नाका स्थित मेट्रो अस्पताल से डुमना एयरपोर्ट तक बनाया गया है । इस लम्बे कॉरिडोर के जरिये ब्रेन डेड हो चुके राजेश सराफ के लिवर को ऑपरेट कर निकाला जाएगा और करीब 7 बजे ग्रीन कॉरिडोर के जरिए डुमना एयरपोर्ट ले जाया जाएगा। जहां से उसे चार्टिड प्लने से एक निजी अस्पताल में भर्ती मरीज को प्रत्यारोपित किया जाएगा।
दरअसल राजेश सराफ जो की कंचन बिहार विजय नगर निवासी है , इनके ब्रेन में ट्यूमर की शिकायत के चलते दिमाग पर दबाव बढऩे के कारण ब्रेन डेड हो गया। जिसके बाद राजेश एवं उनके परिजनों ने लिवर को दान करने का फैसला लिया । जिन्हे जबलपुर से आज गुरुवार भोपाल भेजा गया। उन्होंने बताया कि अंग दान के लिए हॉस्पिटल में अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गए सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी पहुचायी गयी इसी से प्रेरिह्म् होकर आज कंचन बिहार विजय नगर निवासी राजेश सराफ एवं उनके परिवार के द्वारा लिवर दान करने का निर्णय लिया गया । संभवत: यह पहला मौका है , जब जबलपुर के किसी भी हॉस्पिटल में अंग दान कि प्रक्रिया अपनायी जा रही है। इस प्रक्रिया में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन का सहयोग भी रहा। अत: हॉस्पिटल के डॉक्टर एवं समस्त स्टाफ द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है।
मरीज के परिजन प्यूष सराफ ने बताया कि विजयनगर निवासी रमेश सराफ़ 64 वर्षीय जिनको ब्रेन ट्यूमर की परेशानी थी मंगलवार की रात बेहोशी की अवस्था में बड़ेरिया मेट्रो हॉस्पिटल पहुंचे जहां पर ब्रेन ट्यूमर की बीमारी के कारण उसके ब्रेन ने काम करना बंद कर दिया था, ऐसे मरीज ब्रेन-डेड मरीज कहलाते हैं । जो अंगदान के लिए आइडियल होते हैं क्योंकि मरीज के केवल ब्रेन ने काम करना बंद किया था, बाकी अंग उसके काम कर रहे थे ! बड़ेरिया मेट्रो हॉस्पिटल के डॉक्टरों की तत्परता के द्वारा तुरंत मरीज को वेंटिलेटर पर लेकर बाकी अंगों को बचाने का प्रयास किया गया व 24 घंटे में उसकी टीम द्वारा सघन निगरानी में रखा गया जहां पर उसके सारे अंग काम कर रहे थे ।
मरीज की सहमति देने के उपरांत तुरंत सारी कार्यवाही एवं औपचारिकताएँ की गई जिसमें अंगदान के लिए बनी गई स्टेट कमेटी इंदौर को सूचित किया गया, जबलपुर मेडिकल कॉलेज को सूचित किया गया एवं बाकी औपचारिकताएँ पूरी की गई । एक मरीज भोपाल में जिसको लीवर की सख्त आवश्यकता थी और उसकी बीमारी बहुत बढ़ चुकी थी, जिसे लीवर के लिए योग्य पाया गया, ब्लड ग्रुप भी समान पाए जाने पर भोपाल के अस्पताल के द्वारा एवं मरीज के परिजनों द्वारा सहमति देने पर यह निर्धारित किया गया कि जबलपुर से भोपाल लिवर को ले जाया जाएगा। बड़ेरिया मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल में ऑपरेशन करके मरीज का लिवर निकाला जावेगा (ऑर्गन रिट्रिवल) एवं चार्टर प्लेन के द्वारा भोपाल पहुँचाया जाएगा जहां पर मरीज को प्रत्यारोपित किया जावेगा। इसके लिए प्रशासन के द्वारा तुरंत सूचना देने पर ग्रीन कॉरिडोर- जो कि बड़ेरिया मेट्रो हॉस्पिटल से डुमना एयरपोर्ट तक बनाया गया और मात्र 30 मिनट में मरीज का लिवर प्लेन तक पहुँचाया गया। जहां से लिवर भोपाल में एक निजी अस्पताल में भर्ती मरीज पहुँचाया जा रहा है। जबलपुर में अंगदान को लेकर जागरूकता लाने के लिए सराफ़ परिवार का योगदान एवं बड़ेरिया मेट्रो प्राइम की पहल एवं तत्परता से यह कदम जबलपुर के स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण हैं।इस लिवर रिट्रिवल में मेट्रो हॉस्पिटल के डॉक्टर शैलेन्द्र सिंग राजपूत, राजेश पटेल , हर्ष सक्सेना और सुनील जैन, डॉक्टर अभिषेक दुबे की भूमिका सराहनीय है।