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26 निजी स्कूलों की जांच के आदेश, शिक्षा विभाग ने बनाई टीम:7 दिन में जांच टीम पेश करेगी रिपोर्ट

स्कूलों में मचा हड़कंप

जबलपुर, यशभारत। मध्य प्रदेश सरकार के आदेश अनुसार निजी स्कूलों के खिलाफ गैर कानूनी तरीके से फीस बढ़ाने के मामले की जांच की जा रही है. बता दें कि मध्य प्रदेश में निजी स्कूल अधिनियम लागू है. इसके तहत कोई भी स्कूल फीस वृद्धि करने के पहले जिला समिति और राज्य समिति से अनुमति लेना जरूरी है. इसके साथ ही स्कूल से की गई कमाई का उपयोग निजी कामों में नहीं किया जा सकता है। इसी के तहत 26 निजी स्कूलों की जांच के लिए कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना के निर्देशन पर शिक्षा विभाग द्वारा जांच कमेटी गठित की है जिसे 7 दिनों के अंदर जांच को पूरा कर रिपोर्ट सौंपना है।

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इन स्कूलों की होगी जांच

सिम्बोयसिस हायर सेकेंडरी स्कूल अधारताल, सेंट अलॉयिसयस स्कूल गौर, शालेम पी एस खितोला बाजार, बालक मंदिर हायर सेकेंडरी स्कूल रामपुर, तान्या कान्वेंट हायर सेकेंडरी स्कूल पाटन, बेथल मिशन हायर सेकेंडरी स्कूल, विंग्स कॉन्वेंट स्कूल महाराजपुर, सेंट नोर्बेर्ट स्कूल, आदर्श भारतीय हाई स्कूल रददी चौकी, मिस्पा मिशन हाई स्कूल पाटन, शहीद विक्रम हायर सेकेंडरी स्कूल शंकरनगर करमेता,अरिहंत पब्लिक स्कूल शहपुरा, मिस्पा मिशन हायर सेकेंडरी स्कूल सिहोरा, समदरिया पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल जॉनसन ई एम् एस इंग्लिश मीडियम स्कूलडब्लू एस ई स्कूल इंदिरा मार्केट, शिशु विद्या पीठ इंग्लिश मीडियम हायर सेकेंडरी स्कूल सतपुला, यश नर्सरी हायर सेकेंडरी स्कूल अधारताल,गुरु गोविन्द सिंह पब्लिक स्कूल पोलीपाथार, अंजुमन इस्लामिया इंग्लिश मीडियम स्कूल एम एम इंटरनेशनल स्कूल ग्रीन वेली पब्लिक स्कूल रैगवां, स्कॉटिश कॉन्वेंट स्कूल महाराजपुर, ए पी एन नर्मदा हायर सेकेंडरी स्कूल महर्षि विद्या मंदिर नर्मदा रोड बिल्लाबॅग स्कूल तिलवारा की जांच होगी।

26 स्कूलों को ये दस्तावेज जमा करने होंगे

प्रारूप-3 में वर्ष 2017-18 से वर्तमान सत्र तक की फीस संरचना (प्रवेश एवं अन्य शुल्क सहित)। वर्ष 2017-18 से वर्तमान सत्र तक की कक्षावार दर्ज संख्या। वर्तमान सत्र की प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों के मो. न. की सूची। वर्ष 2017-18 से वर्तमान सत्र तक की आय व्यय का लेखा (ऑडिट रिपोर्ट)। – शुल्क जमा करने वाले बैंक का नाम, खाता कमांक, प्थ्ै ब्वकम, शाखा का नाम, केंसिल चौक की जानकारी। – पूर्व सत्रों में फीस संरचना वरिष्ठ कार्यालय में जमा करने की पावती ध् पोर्टल पर अपलोड करने संबंधी जानकारी। वर्ष 2017-18 से वर्तमान सत्र तक की कक्षावार पाठ्यपुस्तकों की सूची (नाम, प्रकाशक, कीमत, प्ैठछ न., वजन सहित)। किस-किस वर्ष पुस्तक बदली गई, की जानकारी एवं पुस्तक बदलने ध् चयन की प्रक्रिया की जानकारी। – वर्तमान सत्र में लागू स्टेशनरी की सूची। 3. कक्षावार पुस्तक एवं स्टेशनरी के वजन की जानकारी। . शाला में लागू गणवेश की संख्या की जानकारी। शाला में गणवेश में परिवर्तन कब से हुआ, कारण सहित जानकारी (अंतिम बार गणेवश परिवर्तन वर्ष)। शाला के मान्यता की प्रति, कब से कब तक, किस बोर्ड से किस कक्षा तक मान्यता है। 4. विद्यालय प्रबंध समिति की जानकारी (नाम, पद, पता एवं मो.न.)। 5. वर्ष 2017-18 से समस्त वर्षों की विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक संबंधित जानकारी।

पहले इन गड़बड़ियांे के कारण फंस चुकें स्कूल संचालक

जबलपुर शिक्षा विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में जब निजी स्कूल के दस्तावेज खंगाले गए, तो जिला प्रशासन को कई गड़बड़ियां देखने को मिली. बीते 2017-18 के रिकॉर्ड की ऑडिट रिपोर्ट में इस बात की जानकारी नहीं है कि स्कूल से जो कमाई की गई है उसका शैक्षणिक सुविधाओं के विकास में कहां इस्तेमाल किया गया है. बल्कि, इस दौरान स्कूल में लगभग 25 करोड़ से ज्यादा की रकम बच्चों से वसूली गई. इनमें से कुछ पैसा विदेश यात्रा करने में और कुछ पैसा महंगी गाड़ियां खरीदने में खर्च किया गया है. जिला प्रशासन का कहना है कि यह शैक्षणिक गतिविधि से हटकर खर्च है, इसलिए इसे पुलिस गैर कानूनी मान रही है.।

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