जबलपुर में हर मोहल्ले में क्लीनिक पर पंजीकृत सिर्फ 679: स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एवाइजरी

जबलपुर, यशभारत। बड़ी सोचने वाली बात है कि जब कोई घटना या हादसा होता है उसके बाद ही प्रशासनिक तंत्र क्यों जागता है, शायद इसका जवाब अधिकारियों के पास न हो लेकिन एक बात यहां सोचने वाली है कि जबलपुर में हर मोहल्ले में क्लीनिक खुली हुई परंतु 679 लोगों ने अपनी क्लीनिक का पंजीयन कराया है। दमोह में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद जबलपुर सहित पूरे प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग मुस्तैदी में नजर आ रहा है। इसी के तहत जबलपुर स्वास्थ्य विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए है जिसमें क्लीनिक का संचालन करने वाले लोगों को निर्देश जारी किए गए हैं वह नियमानुसार अपने क्लीनिक का पंजीयन कराए। इसके अलावा लोगों से भी अपील की गई है कहीं पर संदिग्ध क्लीनिक का संचालन पाते हैं तो तत्काल शिकायत करें।

जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश उपचारगृह तथा रूजोपचार संबंधी संस्थाएं रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन अधिनियम 1973 के तहत राज्य में संचालित सभी निजी क्लीनिकों का पंजीकरण एवं अनुज्ञापन अनिवार्य है। यह पंजीयन सभी चिकित्सा पद्धतियों पर लागू है। एलोपैथी, आयुष एवं फिजियोथैरेपी।

क्लीनिक की क्या परिभाषा यहां समझे
1. क्लीनिक वह स्थान होते हैं जहां केवल परामर्श सेवाएं दी जाती हैं. वहाँ मरीज को भर्ती नहीं किया जाता। ना ही कोई चिकित्सा प्रक्रिया प्रोसीजर की जाती है. और ना ही वहाँ बेड लगाए जाते हैं।
2. नर्सिंग होम अस्पताल वह स्थान होते हैं जहां विभित्र प्रकार की चिकित्सा प्रक्रिया की जाती है. मरीजों को भर्ती किया जाता है तथा वहाँ बेड की व्यवस्था होती है। सभी डे केयर क्लीनिक भी नर्सिंग होम श्रेणी में आते हैं। जबलपुर जिले में संचालित सभी निजी क्लीनिकों को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जबलपुर से एमपी ऑनलाइन के माध्यम से पंजीयन कराना आवश्यक है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा ने बताया कि आज दिनांक तक जबलपुर जिले में केवल 679 क्लीनिक पंजीकृत हैं। श्री मिश्रा ने शेष सभी क्लीनिक संचालकों से कहा है कि वे एमपी ऑनलाइन के नर्सिंग होम क्षेत्र पोर्टल पर जाकर शीघ्र पंजीयन हेतु आवेदन करें।

पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेज
1. क्लीनिक का नक्शा
2. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की एनओसी
3. संचालक डॉक्टर की डिग्री एवं वैध रजिस्ट्रेशन
4. स्टाफ की शैक्षणिक योग्यताएं एवं रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र
5. यदि रेडियोलॉजी क्लीनिक है तो प्रमाण पत्र
6. रेडियोलॉजिस्ट एवं पैथोलॉजिस्ट का स्टांप पेपर पर घोषणा पत्र जिसमें यह स्पष्ट हो कि वे एक समय में केवल एक ही केंद्र में कार्यरत हैं और किसी अन्य प्रयोगशाला या क्लिनिक में सेवाएं नहीं दे रहे हैं।

लोग सीधे शिकायत करें
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा ने बताया कि जन समुदाय को सूचित किया जाता है कि जब भी आप किसी क्लीनिक में जाएं तो वहाँ क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र अवश्य देखें, यह भी देखें कि वह कब तक वैच है और किस प्रारूप में जारी किया गया है। यदि किसी क्लीनिक में रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र प्रदर्शित नहीं किया गया है या उपलब्ध नहीं है तो आप इस संबंध में जानकारी निम्न अधिकारियों से सीएमएचओ कार्यालय में संपर्क कर सकते एवं अपनी लिखित शिकायत दे सकते है।