लोकसभा में स्वीकार हुआ ‘एक देश-एक चुनाव’ विधेयक, विपक्ष के हंगामे पर दो बार हुआ पेश

भोपाल। लोकसभा में सोमवार को ‘एक देश एक चुनाव’ विधेयक पेश किया गया। इस अहम बिल को पेश करने के प्रस्ताव के पक्ष में 269 सांसदों ने मतदान किया, वहीं इसके विरोध में 198 वोट पड़े। इसके बाद विस्तृत चर्चा के लिए विधेयक को जेपीसी (संसद की संयुक्त समिति) के पास भेजा गया है। दरअसल, यह बिल आज दो बार पेश किया गया। जिसमें 369 सदस्यों ने वोट डाले। स्पीकर ओम बिरला ने बिल पेश करने को लेकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग कराई। 220 इसके पक्ष में जबकि 149 विपक्ष में वोट पड़े। बिल के पेश होने के बाद इस पर बोलने के लिए सांसदों को समय दिया गया। जिसमें कई दलों के सांसदों ने इस पर आपत्ति जताई और जमकर हंगामा किया। जिस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जिनको वोटिंग पर आपत्ति है तो वो पर्ची दे दें। जिस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि हमने पहले ही कहा था कि यदि किसी सदस्य को लगे तो वह पर्ची के माध्यम से अपना वोट संशोधित कर सकता है। इसके बाद दूसरी बार वोटिंग कराई गई, जिसमें 467 सांसदों ने वोट डाला। इस दौरान बिल के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 मत पड़े। इसके बाद कानून मंत्री मेघवाल ने दोबारा बिल पेश किया। बता दें कि ‘एक देश-एक चुनाव’ के साथ ही संसद में ‘केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024’ भी पेश किया गया। इसे भी विस्तृत चर्चा के लिए जेपीसी के पास भेजा गया है।
इसलिए जेपीसी के पास भेजा गया बिल
बिल पर गृहमंत्री अमित शाह ने बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा, “जब यह संविधान संशोधन विधेयक कैबिनेट के पास चर्चा में आया था तभी प्रधानमंत्री जी ने ही कहा था कि से जेपीसी को देना चाहिए। इसपर सभी स्तर पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “इस वजह से ही मुझे लगता है कि इसमें सदन का ज्यादा समय खर्च किए बगैर अगर मंत्री जी कहते हैं कि वो इसे जेपीसी को सौंपने को तैयार हैं, तो जेपीसी में सारी चर्चा होगी और जेपीसी की रिपोर्ट के आधार पर कैबिनेट इसे पारित करेगी तब भी फिर से इस पर सारी चर्चा होगी।”