अफसर के कहने पर सिया के चेयरमैन के आफिस में लगा ताला

अफसर के कहने पर सिया के चेयरमैन के आफिस में लगा ताला
– मुख्यसचिव के पास पहुंची शिकायत,
भोपाल यशभारत। राज्य स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण (सिया) के चेयरमैन शिवनारायण सिंह चौहान के ऑफिस में ताला लगा दिया गया है। सिया के चेयरमैन ने इसकी शिकायत मुख्य सचिव अनुराग जैन से की है। इसके पूर्व चौहान ने मुख्यमंत्री से भी शिकायत की थी। मामला सिया के पास आई 400 से ज्यादा प्रोजेक्ट की फाइलों को नियम विरुद्ध तरीके से अनुमतियां जारी करने का है। चेयरमैन ने खुद ही विसिल ब्लोअर की भूमिका निभाते हुए पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत मोहन कोठारी और सदस्य सचिव उमा माहेश्वरी के खिलाफ एफआईआर की अनुशंसा की थी।
प्यून ने बताया अफसर के कहने पर डाला ताला
सिया के चेयरमैन शिवनारायण सिंह चौहान के मुताबिक जब वे ऑफिस पहुंचे तो अपने ऑफिस में ताला डला देखा। जिसके बाद प्यून से कारण पूछा तो उसने बताया कि अफसर के कहने पर ताला डाला गया है। इसके बाद चौहान ने इसकी शिकायत मुख्य सचिव अनुराग जैन से की है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में एक घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें पर्यावरण विभाग के अधिकारियों पर खनिज माफिया के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचने के आरोप लगे हैं।
9 जुलाई को पत्र भेजकर की थी कार्रवाई की मांग
राज्य स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण यानि सिया के चेयरमैन शिवनारायण सिंह चौहान ने मुख्य सचिव अनुराग जैन को 9 जुलाई को एक पत्र भेजा था। इसमें अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई थी। पत्र में आरोप लगाया गया था कि प्रमुख सचिव और सदस्य सचिव ने जानबूझकर पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन किया और माफियाओं से मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचा। पत्र में स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि दोनों अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा की गई है।
पत्र में बताया कि बैठक का दिन व समय बदला गया
पत्र के एक बिंदु में यह भी उल्लेख था कि अध्यक्ष द्वारा बैठक का दिनांक एवं समय निर्धारित करने के बावजूद गंभीर लापरवाहियां बरती गईं। जैसे बैठक की सूचना जारी न करना, एजेंडा का अनुमोदन न लेना, भारत सरकार के निर्देशों का उल्लंघन सिया की बैठकों के निर्णयों को बदल देना, आवेदक का नाम-पता और खनिज की मात्रा बदल देना आदि। कई मामलों में बिना बैठक किए और बिना उचित जांच के डीम्ड अनुमति (स्वीकृति) जारी कर दी गई थी। चेयरमैन ने मुख्यमंत्री से भी अपील की थी कि दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और पर्यावरणीय अनुमति देने की प्रक्रिया में हेरफेर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।







