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NSCB medical college JABALPUR : 75 साल के वृद्व को दो कैंसर, 70 साल का दूसरा वृद्व तीन साल 4 किलो का ट्यूमर लेकर घूम रहा था

नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में दोनांे मरीजों का सफल ऑपरेशन

जबलपुर, यशभारत। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में दो वृद्व मरीजों की सफल सर्जरी हुई। इस सर्जरी में सबसे खास बात ये है कि 75 साल का वृद्व कई सालों से दो कैंसर से पीड़ित था और उसने बड़े-बड़े अस्पतालों में इसका इलाज कराया लेकिन किसी ने अस्पताल ने सर्जरी का बजट ज्यादा बताया तो किसी ने इलाज करने से मना कर दिया। दूसरी वृद्व मरीज 75 साल का जो नरसिंहपुर में निवास करता है वह भी 4 किलो की गांठ गले में लेकर इलाज के लिए यहां-वहां भटक रहा था। मेडिकल अस्पताल में वृद्व का ऑपरेशन कर गांठ निकाली गई।

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जानकारी के अनुसार मंडला निवासी 75 साल वृद्व को बीते दिनों नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल स्तन कैंसर, थायरॉइड और एंडोक्राइन सर्जरी यूनिट, सर्जरी विभाग में थायरॉइड कैंसर और लार ग्रंथी के कैंसर होने पर भर्ती कराया गया था। वृद्व ने दोनों कैंसरों का इलाज कराने के लिए मध्यप्रदेश के अलग-अलग अस्पतालों में चक्कर लगाएं लेकिन कहीं संसाधन की कमी तो कहीं पैसों का बजट ज्यादा होने के कारण कैंसर का इलाज संभव नहीं हो पाया। पिछले दिनों मरीज मेडिकल अस्पताल पहंुचा जहां स्तन कैंसर, थायरॉइड और एंडोक्राइन सर्जरी यूनिट, सर्जरी विभाग के डॉक्टरों से मिला और प्राथमिक उपचार कराया। कुछ दिन बाद मरीज की रिपोर्ट आई और सारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद मरीज की सर्जरी की गई।

 

4 किलो का ट्यूमर गले में टांगकर चल रहा वृद्व
इसी तरह नरसिंहपुर निवासी 75 वर्षीय वृद्व को गले में थायराइड की शिकायत थी कई सालों तक इलाज कराने के बाद उसे आराम नहीं मिला। उम्र बढ़ने के साथ उसने इलाज कराना भी छोड़ दिया जिसका नतीजा ये हुआ कि उसके गले में 4 किलो का ट्यूमर हो गया। मेडिकल अस्पताल इलाज कराने पहंुचे मरीज ने डॉक्टरों को बताया कि ट्यूमर होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। यहां तक कि पानी से लेकर खाना खाने तक में दिक्कत हो रही थी। इसकी वजह से सिर से लेकर पूरी शरीर में दर्द हो रहा था।

दोनों मरीजों की सहनशीलता को डॉक्टरों ने सराहा
स्तन कैंसर, थायरॉइड और एंडोक्राइन सर्जरी यूनिट, सर्जरी विभाग प्रमुख डॉक्टर संजय यादव ने बताया कि सबसे पिछड़े और जरूरतमंद मरीजों की सेवा उत्कृष्टता के साथ काम कर रहा है। इन दो मरीजों द्वारा प्रदर्शित ताकत वाकई में अद्वितीय है। जटिल थायरॉइड गांठ से पीड़ित, जटिल सर्जिकल प्रक्रियाओं का सामना अविश्वसनीय शक्ति और सहनशक्ति के साथ किया। इनकी कहानी गंभीर चुनौतियों का सामना करने के साहस की प्रेरणा देती हैं। 75 वर्षीय मरीज को एक नहीं बल्कि दो कैंसर का सामना करना पड़ा. कई जगह भटकने के बाद यहां पर जटिल सर्जरी के बाद थायरॉइड कैंसर और लार ग्रंथी के कैंसर को निकाला गया। दूसरे मरीज करीब तीन किलो का भार गले पर उठाकर चल रहे थे. इनका भी सफल ऑपरेशन हुआ।

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