जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

जबलपुर-मंडला हाइवे पर 50 किमी के दायरे में एक भी गति संकेतक नहीं

WhatsApp Icon
Join Yashbharat App

जबलपुर।  जबलपुर से मंडला हाइवे पर 50 किलोमीटर के दायरे में एक भी गति संकेतक नहीं है। जिससे यह पता चल सके कि अमुक क्षेत्र में ट्रैफिक की क्या स्थिति है तथा वाहनों को अधिकतम किस गति सीमा में चलाना चाहिए। सड़क के निर्माण में तरह तरह की तकनीकी खामी होने के बावजूद तमाम चालक तेज गति से वाहन चलाते हैं। हाइवे पर तीन पहिया वाहनों (सवारी आटो) को खुली छूट दे दी गई है।

कम उम्र के चालक आटो लेकर सरपट भागते हैं। आटो में क्षमता से अधिक सवारियां ढोई जा रही हैं। कुछ आटो काे रोककर पतासाजी की गई तो 10 से 12 सवारियां मिलीं। इस मार्ग पर बीजाडांडी थाने से करीब सात किलोमीटर पूर्व हाइवे पर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय जबलपुर के उड़नदस्ते ने चेकिंग अभियान के लिए डेरा डाला था। सुबह से लेकर शाम करीब पांच बजे तक सीट बेल्ट न लगाने के दो प्रकरण, हेलमेट न लगाने के पांच प्रकरण, टैक्स चोरी का एक प्रकरण बनाया जा सका था। जबकि सीट बेल्ट न लगाने वाले, बिना हेलमेट लगाए तमाम वाहन चालक टीम के सामने से निकल गए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उक्त मार्ग पर ज्यादातर सड़क हादसों की वजह ज्यादा गति रही।

जबलपुर-सिहोरा फोरलेन

पाटन बायपास से सिहोरा तक फोरलेन रोड पर पाटन और कटंगी बायपास पर ही स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं। लेकिन वो स्पीड ब्रेकर भी मानकों के अनुरूल नहीं हैं। मार्ग में संकेतक तो सभी जगह लगे हैं, लेकिन आवाजाही करने वाले उनका पालन कम ही करते हैं। जहां तक नेशनल हाइवे में नियमों के अनुपालन की बात है तो नियम अनेक हैं लेकिन, उन नियमों को पालन करने और कराने वाले दोनों बेफिक्र हैं। मार्ग पर चालानी कार्रवाई का काम पुलिस और आरटीओ के पास है। पुलिस प्राय: हादसों के बाद प्रकरण दर्ज कर ही कानूनी कार्रवाई करती है। जबकि आरटीओ का अमला जबलपुर से उत्तर दिशा मेंं जाते समय करौंदा नाला बायपास के ठीक पहले जांच करता है। उसकी भी कार्रवाई यातायात व्यवस्था को सुधारने के उद्देश्य से कम और राजस्व उगाहने की नीयत से ज्यादा रहती है। बीेते एक साल के दौरान इस मार्ग पर विभिन्न थाना क्षेत्रों की पुलिस ने 80 से ज्यादा कार्रवाइयां कीं। इस मार्ग पर होने वाले अधिकांश हादसे अोवरस्पीड और परिवर्तित मार्ग से आते या जाते समय लापरवाही के चलते हुए

 

घुमावदार मोड़, टू लेन सड़क बन रहे हादसों की वजह

जबलपुर-कुंडम राजष्ट्रीय राजमार्ग 45 पर अमझर के पास चढ़ाई भरे घुमावदार मोड़ और 41 किमी तक टू लेन रोड होने के कारण अक्सर सड़क हादसे हो रहे हैं। अमझर, बंजारी माता मंदिर के पास घुमावदार सड़क होने के कारण कई बार दो पहिया और चार पहिया वाहन चालक अनियंत्रित होकर ऊंचाई भरे रास्ते गिर चुके हैं। वहीं 41 किमी तक महज 50 फीट चौड़ी सड़क होने से आेवर स्पीड वाहन के टकराने के मामले भी सामने आ चुके हैं। भजिया, आमाखोह, तिलसानी के समीप सीधे रोड होने से वाहन 50 से 60 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से वाहन दौड़ाते हैं। 26 जनवरी 2020 में जबलपुर-कुंडम मार्ग पर दो बाइक आपस में इस कदर टकराई थी कि चार उसमें सवार चार लोगों की मौत हो गई थी। एक माह पूर्व कुंडम पेट्रोल पंप के पास एक बाइक की जोरदार टक्कर से युवक की मौत हो गई थी। इसी तरह रोड के किनारे बैठक ये युवक को भी एक बाइक सवार ने ऐसी टक्कर मारी थी कि मौके पर ही उसके प्राण पखेरू उड़ गए थे। इस मार्ग पर यातायात पुलिस की न तो तैनाती है न सुरक्षा के माकूल इंतजाम।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button