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आतंकी संगठनों का नया तरीका: सोशल मीडिया पर ‘मैजिक लैंटर्न टैक्टिक’ से युवाओं को बना रहे निशाना

नफरत भरे पोस्ट के जरिए भावनात्मक प्रतिक्रियाओं वाले युवाओं को जाल में फंसा रहे आतंकी

आतंकवादी संगठन अब युवाओं को आतंकवाद की आग में झोंकने के लिए सोशल मीडिया पर एक नई रणनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने ‘मैजिक लैंटर्न टैक्टिक’ नाम दिया है। इस तरीके के तहत आतंकी संगठन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नफरत फैलाने वाले पोस्ट साझा करते हैं और फिर इन पोस्ट पर युवाओं की प्रतिक्रियाओं के आधार पर उन्हें अपना निशाना बनाते हैं।

जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि आतंकी संगठन इंस्टाग्राम, एक्स (पूर्व में ट्विटर), टेलीग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर भड़काऊ सामग्री पोस्ट करते हैं, जिसमें कुछ समुदायों के खिलाफ कथित अन्याय को दर्शाया जाता है। वे इन पोस्ट पर आने वाली प्रतिक्रियाओं का बारीकी से विश्लेषण करते हैं। जो युवा मजबूत भावनात्मक समर्थन या भावुक टिप्पणियां करते हैं, उन्हें आगे की बातचीत के लिए चुना जाता है।

इसके बाद आतंकी संगठन इन चिन्हित युवाओं को लक्षित संदेश भेजते हैं, जिससे उनमें अलगाव और नफरत की भावना और गहरी होती जाती है। नए रंगरूटों को फिर आतंकवादी नेटवर्क के भीतर सहानुभूति रखने वालों से मिलवाया जाता है और ऐसी बैठकों में आमंत्रित किया जाता है, जहां उन्हें चरमपंथी गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

हाल ही में सिकंदराबाद और विजयनगरम से गिरफ्तार किए गए युवकों के मामले में जांचकर्ताओं ने पाया कि संदिग्धों को इसी ‘मैजिक लैंटर्न टैक्टिक’ का इस्तेमाल करके भर्ती किया गया था। उन्हें ‘अल हिंद इत्तेहादुल मुस्लिमीन (अहिम)’ नामक संगठन बनाने का काम सौंपा गया था। जांच से यह भी पता चला कि संचालकों ने सिग्नल ऐप के माध्यम से बम बनाने के निर्देश भेजे थे और युवाओं से भीड़भाड़ वाले इलाकों में हमले की योजना बनाने से पहले परीक्षण विस्फोट करने का आग्रह किया था।

सक्रिय खुफिया जानकारी और समय पर गिरफ्तारियों के कारण एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया गया। जांचकर्ताओं को संदेह है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की एजेंट ज्योति मल्होत्रा भी इसी तरह की रणनीति का शिकार हुई होगी, जो वर्तमान में सुर्खियों में है।

सुरक्षा एजेंसियां अब सोशल मीडिया पर इस ‘मैजिक लैंटर्न टैक्टिक’ के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर चिंतित हैं और युवाओं से अपील कर रही हैं कि वे ऐसे भड़काऊ पोस्ट पर भावनात्मक प्रतिक्रिया देने से बचें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें।

‘मैजिक लैंटर्न टैक्टिक’ कैसे काम करती है:

  • आतंकी संचालक सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री पोस्ट करते हैं।
  • वे प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण करते हैं और भावनात्मक प्रतिक्रिया देने वालों को चिन्हित करते हैं।
  • चिन्हित युवाओं को लक्षित संदेश भेजकर अलगाव और नफरत की भावना बढ़ाते हैं।
  • नए रंगरूटों को सहानुभूति रखने वालों से मिलाते हैं और चरमपंथी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

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