एमपीईबी का कारनामा : अभियन्ताओं के पदोन्नति का प्रभार कार्यालयीन कर्मचारी को दिया
जबलपुर, यश भारत । एमपीईबी अपनी कार्यप्रणालियों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहता है। ताजा मामला पदोन्नति का है। जहां सहायक अभियंता का पद नॉन टेक्रिलकल कर्मचारियों को दे दिया गया है। जिसके बाद विभाग में आक्रोश व्याप्त है। जानकारी अनुसार पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी द्वारा मानव संसाधन कार्यालय में सहायक अभियंता का पदोन्नति पद का प्रभार एक अनुभवहीन नॉन टेक्निकल कर्मचारी को दे दिया गया। नियमानुसार कॉरपोरेट कार्यालय के डी जीएम या अन्य पदोन्नति पद ऐसे अभियन्ताओं को दिया जाता है जिन्हें उसी पद का मैदानी कार्यों में टेक्निकल एवं राजस्व का अनुभव हो , क्योंकि बिजली कंपनी का कार्य पूर्णत: मैदानी स्तर पर टेक्निकल एवं राजस्व पर आधारित है, कोई अधिकारी जब कार्यपाल अभियन्ता के मैदानी स्तर पर सेकड़ो कमज़्चारियों का नियंत्रण कर चुका होता है ऐसे अधिकारियों को इस पद पर पदस्थ किया जाता है।गौरतलब है कि पूर्व में राजीव गुप्ता (सी जी एम-एच आर ए ,पावर मैनेजमेंट), एस के गिरिया (एडिशनल सी जी एम पूर्व क्षेत्र) इस पद पर पदस्थ रह चुके हैं ,परंतु पूवज़् क्षेत्र कंपनी द्वारा मानव संसाधन कार्यालय में डी जी एम का पद अभियन्ता को न देकर ऐसे पद के व्यक्ति को दिया जो न तो टेक्निकल है और जिन्हें न तो मैदानी कार्यो के टेक्निकल का ओर न ही राजस्व का अनुभव है। इससे 2 सहायक अभियन्ताओं को पदोन्नति पद के प्रभार से भी वंचित होना पड़ा, अब विभाग में इस आदेश को लेकर भारी आक्रोश है।
जानकारों का कहना है कि सरकार निजीकरण करने से पहले अभियन्ताओं एवं विद्युत कमिज़्यों पर नियंत्रण करने के लिए ऐसे कार्य कर रही है, क्योंकि (सी जी एम(एच आर ए) कार्यालयों से ही कर्मियों के पदोन्नति,उच्चवेतनमान,ट्रांसफर पोस्टिंग एवं अन्य सेवाओ का नियंत्रण किया जाता है, इसलिए पहले सी जी एम(एच आर ए) के पद पर राज्य शासन के अधिकारियों की नियुक्ति की, अब एच आर कार्यालयों के पद, अब अभियन्ताओं को न देकर नॉन टेक्निकल अधिकारियों को दिए जा रहे है ।
इन्होंने कहा….
पदोन्नति चालू प्रभार दिया गया है। जो नियमानुसार है। मानव संधाधन के पद है।
सरोज कुमार, जीएम एचआरए