जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

MP में भीषण गर्मी के बीच सुकूनभरी खबर:  आज जबलपुर से होगी प्री-मानसून की एंट्री, तेज हवा के साथ बारिश के आसार

जबलपुर यशभारत।भोपाल बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम से मध्यप्रदेश में भीषण गर्मी से राहत मिलने लगी है। एक सप्ताह बाद प्रदेश में पारा 45 डिग्री के नीचे आ गया है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि मंगलवार को अधिकतम तापमान में दो डिग्री तक और गिरावट हुई। सोमवार को तापमान में 3 से 4 डिग्री तक गिरावट आई। प्री-मानसून की एंट्री मध्यप्रदेश में जबलपुर के रास्ते से हो सकती है। आज 18 मई से जबलपुर के साथ रीवा और शहडोल जिले में तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश होने के आसार हैं। चार दिन तक मौसम इसी तरह रहेगा।

बंगाल की खाड़ी में बन रहे सिस्टम के कारण उत्तर-पूर्वी मध्यप्रदेश से तमिलनाडु तक ट्रफ लाइन बन गई है। इससे मध्यप्रदेश के पूर्वी इलाकों में हल्की बारिश के आसार हैं। अगले 24 घंटे में जबलपुर, रीवा और शहडोल में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। बीते 24 घंटे के दौरान अनूपपुर, सिवनी और बालाघाट में कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हुई है।

तीन से चार डिग्री नीचे आया पारा

सोमवार को प्रदेश के कई इलाकों में अधिकतम तापमान लुढ़का। यह 3 डिग्री से भी ज्यादा कम हुआ। सिर्फ भिंड के गोहद में ही 46 डिग्री तक तापमान रिकाॅर्ड किया गया। अब तक प्रदेश में कहीं-कहीं दिन का पारा 48 के पार चला गया था। सोमवार को सबसे ज्यादा तापमान नौगांव में 45.5 डिग्री और सीधी में 45 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा सभी इलाकों में यह 45 डिग्री के नीचे आ गया है। अगले दो दिन तक इसी तरह तापमान में उतार-चढ़ाव रहेगा। प्रमुख शहरों में सबसे ज्यादा तापमान ग्वालियर में 44 डिग्री तो भोपाल में 43 डिग्री रहा। वहीं जबलपुर और इंदौर में 40 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। सबसे कम तापमान पचमढ़ी में 37 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। अब चार दिन इसी तरह तापमान रहेगा।

 

लू के आसार लगभग खत्म

 

मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि अब लू चलने के आसार बहुत कम हो गए हैं। प्रदेश के एक-दो जिलों को छोड़ दिया जाए, तो हीट वेव की स्थिति नहीं बन रही है। अधिकतम तापमान भी अब 40 से 45 डिग्री के आसपास ही रहेगा। सोमवार की तुलना में मंगलवार को यह नीचे आया। साउथ वेस्ट मानसून, साउथ वे ऑफ बंगाल के कुछ हिस्सों में पहुंच चुका है। यह अंडमान और निकोबार में मंगलवार तक पूरी तरह आ चुका है। इससे सेंट्रल इंडिया में हीट वेव का असर खत्म होने लगा है

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