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मां ने दिया सुराग, जीआरपी अमले ने अर्चना को लखीमपुर खीरी से किया बरामद

मां ने दिया सुराग, जीआरपी अमले ने अर्चना को लखीमपुर खीरी से किया बरामद

यश भारत भोपाल। रानी कमलापति स्टेशन से 7 अगस्त को रहस्यमय ढंग से लापता हुई कटनी निवासी अर्चना तिवारी को खोजने में सबसे अहम भूमिका उसकी मां ने निभाई। मंगलवार सुबह जैसे ही अर्चना ने मां से बात की तो मां ने उसका लोकेशन पूछ लिया और इसकी जानकारी तुरंत जीआरपी के अधिकारियों को दी। लोकेशन के आधार पर जीआरपी अमले ने कार्रवाई करते हुए अर्चना को उप्र के लखीमपुर खीरी से बरामद कर लिया। नेपाल बार्डर से लगे लखीमपुर में अर्चना कैसे पहुंची ? कौन उसे लेकर गया ? क्या खुद वहां तक पहुंची ? सहित कई सवाल हैं जिनका जवाब जांच अधिकारी खोज रहे हैं। अर्चना को सुरक्षित बरामद कर भोपाल लाया जा रहा है जहां बयान लेने के बाद उसे परिजनों के हवाले कर दिया जायेगा।

सिविल जज की तैयारी कर रही कटनी निवासी अर्चना तिवारी की भोपाल जीआरपी में परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। रेल एसपी राहुल लोढ़ा मामले की जांच खुद कर रहे हैं। जगह जगह तलाशी अभियान भी चलाया जा रहा था। भोपाल से लेकर मिडघाट के जंगलों में भी सर्चिंग अभियान चलाया गया।

मंगलवार को मामले में नया मोड तब आया जब ग्वालियर के भंवरपुर थाने के आरक्षक राम तोमर का नाम सामने आया। राम तोमर को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। राम ने ही अर्चना की टिकट इंदौर से कटनी की कराई थी। मामले का रोचक पहलू यह है कि अर्चना उक्त ट्रेन में सफर कर ही नहीं रही थी बल्कि बस से सफर किया था। ग्वालियर में राम तोमर के संपर्क में थी। आखिर ट्रेन में बैग रखना और सभी को गुमराह करने के पीछे की मंशा किसकी थी इसकी जानकारी नहीं लग सकी है।

13 दिन से गायब चल रही मिसिंग गर्ल अर्चना तिवारी यूपी के लखीमपुर खीरी में नेपाल बॉर्डर के पास मिली है। भोपाल जीआरपी पुलिस ने उसे सुरक्षित बरामद किया है। आखिर 13 दिन वो कहां-कहां रही। पुलिस अभी इन सभी सवालों के जवाब देने से बच रही है। रेल एसपी राहुल लोढ़ा ने सोशल मीडिया के जरिए देर रात वीडियो जारी कर अर्चना के सुरक्षित मिलने की जानकारी दी।

तलाशी के दौरान खंगाले फुटेज

रेलवे भोपाल एसपी राहुल लोढ़ा ने बताया कि अर्चना तिवारी 7-8 अगस्त की रात इंदौर-बिलासपुर-नर्मदापुरम एक्सप्रेस के डी3 कोच से लापता हो गई थीं। रानी कमलापति जीआरपी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। तब से पुलिस लगातार उनकी तलाश कर रही थी। मध्य प्रदेश और आसपास के राज्यों के जंगलों में भी उनकी तलाश की जा रही थी। तलाशी के दौरान सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए। एसपी ने बताया कि मंगलवार को जीआरपी ने उन्हें यूपी लखीमपुर खीरी से बरामद कर लिया। अर्चना नेपाल बॉर्डर के पास मिली है। पुलिस अर्चना को लेकर भोपाल के लिए निकल चुकी है। बुधवार को इस मामले का खुलासा किया जाएगा। एसपी ने बताया कि पहले अर्चना का बयान दर्ज किया जाएगा और फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

अर्चना तिवारी मिसिंग केस में कब क्या हुआ

7 अगस्त – अर्चना इंदौर से नर्मदा एक्सप्रेस से कटनी जाने के लिए निकली। रात 10 बजकर 16 मिनट पर अर्चना ने अपनी चाची से फोन पर बात की। नर्मदापुरम के आसपास अर्चना तिवारी का फोन स्विच ऑफ हो गया।

8 अगस्त – अर्चना तिवारी कटनी रेलवे स्टेशन पर नहीं उतरी। उमरिया में ट्रेन की बर्थ पर अर्चना का बैग मिला।

9 अगस्त – कटनी रेलवे पुलिस में परिजन ने अर्चना तिवारी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

11 अगस्त – पुलिस ने हॉस्टल के CCTV फुटेज खंगाले, अर्चना फोन पर किसी से बात करती नजर आई।

13 अगस्त – सर्च ऑपरेशन तेज किया गया। GRP, साइबर सेल, SDRF के गोताखोरों की टीमों ने तलाश की।

14 अगस्त – अर्चना के परिवार ने GRP से मुलाकात की और कुछ संदिग्धों के नाम पुलिस को दिए।

16 अगस्त – देशभर में सर्चिंग अभियान चलाया गया। MP से लेकर देश के हर हिस्से में अर्चना की तलाश शुरू हुई।

17 अगस्त – GRP और वन विभाग की टीम ने मिडघाट के जंगल में 25 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक पर सर्चिंग की।

18 अगस्त – GRP और वन विभाग की टीम ने मिडघाट के जंगल में तलाशी अभियान और तेज किया।

19 अगस्त – भंवरपुर थाने के कॉन्स्टेबल राम तोमर को हिरासत में लिया गया। अर्चना के लिए उसने बस की टिकट बुक की थी। इसके बाद अर्चना तिवारी की परिवारवालों से बात हुई और उसके सुरक्षित होने का पता चला।

 

 

 

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