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कृष्ण के कर्म-फल को साकार करते “मोहन”

विजन मोदी को सार्थक कर 356 दिन में विकसित प्रदेश बनाने हर वक्त ऊर्जा से भरे नजर आ रहे 'बेहतर मोहन '

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लगभग 5 हजार साल पहले मथुरा के राजकुमार को उज्जैन की जिस भूमि ने भगवान बना दिया, प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव उसी भूमि में जन्म लेकर जनता की सेवा के व्रत को अंगीकार कर चुके हैं। उज्जैन के सांदीपनी आश्रम में श्रीकृष्ण ने कर्म, ज्ञान और विवेक की शिक्षा ली। श्री कृष्ण ने भागवत गीता में कहा भी है ” कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन’…इसी राह पर चलते हुए मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री मोहन यादव बिना फल की चिंता किए कर्तव्य पथ पर बढ़ते चले जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकसित राष्ट्र की परिकल्पना को साकार करने में दिनरात जुटे डॉ मोहन यादव की मेहनत के सार्थक परिणाम 365 दिनों के ही प्रदेश को नजर आने लगे हैं। प्रदेश में 13 दिसंबर को भाजपा उन्हें प्रदेश की कमान सौंपी थी। बड़े बहुमत से सत्ता में आई भाजपा से जनता की उम्मीदें भी उतनी ही बड़ी थी, लेकिन एक – एक कर तमाम चुनौतियां से जूझते हुए सालभर में मोहन यादव ने प्रदेश में विकास का ऐसा मॉडल तैयार किया, जिसने पार्टी हाइकमान के उन्हें सीएम बनाने के फैसले को सच और दूरदर्शी साबित कर दिया। उन्होंने शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों के लिए विकास का सर्वस्पर्शी और सर्व समावेशी मॉडल तैयार कर हर सेक्टर में प्रगति के नए आयाम गढ़ना शुरू किए। जो काम प्रदेश में पिछले दो दशक में नहीं हुए थे, उन पर फोकस किया। एक साल में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किए गए लोक कल्याणकारी कार्यों का असर अब जनमानस में परिलक्षित होने लगा है। सीएम का विश्वास है कि मध्यप्रदेश का भविष्य स्वर्णिम होगा,जहां आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के हर पहलू पर ठोस काम किया जाएगा।

सालभर में विकास के जिस एजेंडे के साथ डॉ मोहन यादव और उनकी टीम आगे बढ़ी, उसमें पुनर्गठन आयोग, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए हजारों करोड़ के निवेश, इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन की मिलों में काम करने वाले मजदूरों को उनका हक दिलाने के रास्ते खोलने, प्रदेश में सोयाबीन की खरीदी, ई रजिस्ट्री समेत नामांकन और बंटवारा के प्रकरणों के समाधान में सरलीकरण की प्रकिया, नदी जोड़ो परियोजना, रातापानी वन्य जीव अभ्यारण्य की सभी अड़चनें दूर करते हुए इसे टाइगर रिजर्व का दर्जा, नदियों के किनारे अवैध खनन पर सख्ती से रोक और रीवा में एयरपोर्ट की सौगात शामिल हैं। इसके अलावा रामवन पथ और कृष्ण पाथेय बनाने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है। प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खोलने की दिशा में डॉ मोहन यादव विशेष रुचि ले रहे हैं। वे सभी नियुक्तियों को फुलप्रूफ बनाना चाहते हैं। उनका प्रयास है कि कोई भी नियुक्ति कानूनी उलझन में अटक न जाए। राजस्व आय बढ़ाने के लिए नीतिगत फैसले लेते हुए उन्होंने इस बात का ध्यान रखा कि कोई ओवरड्राफ्ट न हो। बजट में बढ़ोत्तरी के साथ विकास की योजनाओं को गति दी जा रही है। मोहन यादव की नजर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन ही उनका मिशन है। वोकल फॉर लोकल के उद्देश्य को प्राप्त करने में रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। प्रदेश में औद्योगिक विकास की बढ़ती संभावनाओं को लेकर उद्योगपति उत्साहित हैं और निवेश का नया वातावरण तैयार हुआ है। प्रशासनिक ढांचे को भी लगातार दुरुस्त करते जाने की दिशा में मुख्यमंत्री ने ध्यान दिया। 22 हजार थानों की सीमाओं का नए सिरे से निर्धारण किया गया। आयोग बनाकर जिला, तहसील और ब्लॉक इकाइयों की समीक्षा शुरू की जा चुकी है।

कुल मिलाकर चुनौतियों का निडरता और मजबूती से सामना तथा अचंभित कर देने वाला प्रदर्शन डॉ मोहन यादव की सरकार के एक साल पूरे होने का कुल निचोड़ है। लोगों को संशय था कि उनके सीएम बनने के बाद लाड़ली बहना योजना का पैसा खातों में आना बंद हो जाएगा, लेकिन सारे संशयों को दरकिनार कर मुख्यमंत्री मोहन यादव बहनों के खातों में निर्बाध गति से राशि भेज रहे हैं। उन्होंने अपने मॉडल में सुशासन के साथ हिंदुत्व को भी तरजीह दी है। सिंहस्थ भूमि के स्थाई आवंटन से उज्जैन को राष्ट्रीय मानचित्र पर नई पहचान मिली। मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थलों से लाउड स्पीकर उतारे जाने के साथ खुले में मांस मछली की बिक्री पर रोक लगाने के निर्णय का जनता में अच्छा असर देखा गया। उन्होंने संघ और भाजपा की संयुक्त विचारधारा को प्रदेश में कभी कमजोर नहीं पड़ने दिया। सत्ता और संगठन के बीच तालमेल का बेहतर उदाहरण भी उन्होंने प्रस्तुत किया, इसलिए उन्हें “बेहतर मोहन” जैसी उपमा से नवाजने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होना चाहिए। प्रदेश में गीता जयंती पर गीता पाठ का विश्व कीर्तिमान बनाने वाले मोहन यादव हर निकाय में गीता भवन की स्थापना को लेकर प्रतिबद्ध हैं। एक साल के सफर के विश्लेषण से जाहिर है कि प्रदेश सरकार आर्थिक संकट, विपक्ष के हमले और जन अपेक्षाओं से जूझते हुए जनहित के कामों पर आगे बढ़ रही है। आने वाले समय में मध्यप्रदेश की नई तस्वीर और तकदीर उभरकर सामने आएगी, जिसमें हर वर्ग के कल्याण का अक्स दिखलाई पड़ेगा।

यशभारत परिवार की ओर से प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और उनकी सरकार को एक साल पूरा होने की शुभकामनाएं

आशीष शुक्ला
संस्थापक, यशभारत

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