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लक्ष्य सेन ने ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर 500 जीता, जापानी प्रतिद्वंद्वी को 38 मिनट में दी मात

साल 2025 का पहला BWF खिताब, करियर का तीसरा सुपर 500 टाइटल

लक्ष्य सेन ने ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर 500 जीता, जापानी प्रतिद्वंद्वी को 38 मिनट में दी मात

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने रविवार को खेले गए ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर 500 टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए पुरुष एकल खिताब अपने नाम कर लिया। फाइनल मुकाबले में उन्होंने जापान के युशी तनाका को सीधे दो सेटों में हराकर अपनी फॉर्म और कौशल दोनों का दमदार प्रदर्शन किया। यह जीत उन्होंने केवल 38 मिनट में हासिल की, जो उनके करियर के बेहतरीन प्रदर्शनों में से एक मानी जा रही है।

तनाका पर शुरू से एकतरफा दबदबा

फाइनल में शुरुआत से ही लक्ष्य का खेल अद्भुत रहा। नेट के पास उनकी तेज़ी, बैककोर्ट से सटीक निशाने और प्लेसमेंट ने तनाका को लगातार दबाव में रखा।

पहले सेट में लक्ष्य ने 21-15 से बढ़त हासिल की। इस पूरे सेट में उन्होंने खेल पर पूरा नियंत्रण बनाए रखा और जापानी खिलाड़ी को वापसी का कोई मौका नहीं दिया।
दूसरे सेट में भारतीय खिलाड़ी और अधिक आक्रामक दिखाई दिए। लगातार शक्तिशाली स्मैश और सामरिक शॉट्स की बदौलत उन्होंने तनाका को 21-11 से पराजित कर खिताब पक्का कर लिया।

साल 2025 का पहला BWF खिताब, करियर का तीसरा सुपर 500 टाइटल

लक्ष्य पिछले कई टूर्नामेंटों में फाइनल तक पहुँचकर भी खिताब जीतने में चूक रहे थे, लेकिन इस बार उन्होंने मौका हाथ से नहीं जाने दिया। यह उनका वर्ष 2025 का पहला BWF खिताब है और करियर का तीसरा सुपर 500 टाइटल।

कुछ महीने पहले वे हांगकांग सुपर 500 के फाइनल तक पहुँचे थे, पर खिताब नहीं जीत सके। ऑस्ट्रेलियन ओपन में उन्होंने हर मुकाबले में धैर्य और निरंतरता दिखाते हुए शानदार प्रदर्शन किया।

जीत के बाद अनोखा जश्न

खिताब जीतने के बाद लक्ष्य सेन ने कोर्ट पर आंखें बंद कर दोनों कानों पर हाथ रखते हुए एक अलग अंदाज़ में जश्न मनाया। यह इशारा इस बात का संकेत था कि उन्होंने आलोचनाओं और दबाव से ऊपर उठकर केवल अपने खेल पर ध्यान केंद्रित किया है।

चुनौतियों के बाद जबरदस्त वापसी

पिछले वर्ष हुए ओलंपिक में मेडल न जीत पाने के बाद लक्ष्य मानसिक और तकनीकी चुनौतियों से जूझ रहे थे। साल 2025 की शुरुआत कठिन रही, लेकिन वे लगातार मेहनत के साथ अपने आत्मविश्वास को वापस पाने में सफल रहे। हांगकांग फाइनल के बाद ऑस्ट्रेलियन ओपन में उनकी जीत ने यह साबित कर दिया कि वे अब पूरी तरह लय में लौट चुके हैं। इस खिताब ने न केवल भारतीय बैडमिंटन को एक और बड़ी उपलब्धि दिलाई है, बल्कि लक्ष्य सेन को विश्व बैडमिंटन के शीर्ष दावेदारों में फिर से मजबूती से स्थापित कर दिया है।

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