फाइनेंस के नाम ठगी काजल फुर्र…
जबलपुर यश भारत ।शहर भर में गरीबों के नाम पर वाहन फाइनेंस कराने के बाद उसे कम कीमत पर बेचने का खेल चल रहा है बकायदा इसमें एक गिरोह सक्रिय है। जो पहले तो वाहन फायनेंस करवाता है फिर उस वाहन को कुछ कम कीमत पर बेच दिया जाता है।
कुछ दिनों पूर्व ही एक बडे रैकेट को चलाने वाली एक महिला का नाम सामने आया था, जिसने घमापुर हनुमान टोरिया में रहने वाले करीब 20 से ज्यादा लोगों के साथ धोखाधडी की। गरीब तबके लोगों के साथ काजल शर्मा नाम की एक महिला ने पीएम आवास दिलाने के नाम पर दस्तावेज लिए और उनके नाम से गाडियां फायनेंस करा ली। इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब फायनेंस कराई गई गाडियों की किस्त लेने बैंक वाले गरीबों के घर पहुंचे। अपने साथ हुई धोखाधडी की शिकायत पीडितों ने घमापुर थाने में कराई जिसके बाद से महिला फरार हो गयी जो आज तक पुलिस को चकमा दे रही है। कांचघर के रहने वाले वीर सिंह, अभिषेक शर्मा,अजय, मोहन, सुखनेल, राकेश प्रसाद ने बताया कि काजल शर्मा की महिला ने पीएम आवास दिलाने के लिए उनके आधार कार्ड – परिचय पत्र सहित बैंक के दस्तावेज जमा कराए, लेकिन उन लोगों के दस्तावेज सबसे ज्याद जमा हुए जिनकी उम्र 70 से ज्यादाथी । पीडितों ने बताया कि धोखेबाज महिला यह कहकर दस्तावेज जमा करा रही थी, कि जो लोग मरने वाले है, उम्र ज्यादा है उन्हें पहले पीएम आवास मिलेगा ।
बेघर के नाम गाड़ी फाइनेंस इस समूचे मामले में ठगी का शिकार एक ऐसा वृद्ध भी रहा जिसके पास अपना कोई आवास नहीं है और सड़क पर ही रहकर वह अपना गुजारा करता है। लेकिन उसके नाम पर भी गाड़ी फाइनेंस कर दी गई। वही पीडितों का कहना था कि उनके पास दो वक्त की रोटी का इंतजाम नहीं है। गाडियां कहां से लेंगे। इंडियन ओवरसीज बैंक के कुछ कर्मचारी उनके घर पहुंचे और गाडियों की किस्त जमा करने को कहने लगे। तो इन्हे अपने साथ हुई धोखेबाजी की जानकारी लगी ।