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पत्रकार मुकुल दुबे का देहदान का संकल्प हुआ पूरा: जबलपुर से था गहरा नाता, अदालत से जुड़ी खबरों में थी महारत हासिल

 

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सतना, यशभारत। अपनी कलम से समाज को नेक कार्य करने की प्रेरणा देने वाले वरिष्ठ पत्रकार मुकुल दुबे ने विगत 22 दिसंबर को संत मोतीराम आश्रम के महंत स्वामी स्वामी खिम्यादास जी की प्रेरणा से प्रेरित होकर मरणोपरांत देहदान का संकल्प लिया था। आश्रम का यह 100 वां संकल्प था। आश्रम के सेवादारी विनोद गेलानी ने बताया कि श्री दुबे जी का 7 जनवरी को निधन हो गया परिवार वालों ने उनके द्वारा लिए गए संकल्प को पूरा करते हुए उनका अंतिम संस्कार ना करके पार्थिक देह को सतना मेडिकल कालेज को सौंप दिया ताकि मेडिकल के विद्यार्थी अध्ययन कर सकें श्री दुबे का नेत्रदान का भी संकल्प पूरा किया।
हमारी देह किसी के काम आए, सौभाग्य की बात
देहदान का फैसला लेते हुए दुबे जी ने कहा था कि शरीर मृत्यु और दाह संस्कार के बाद केवल राख का ढेर रह जाता है और यदि मानव कल्याण में हमारे अंग या देह किसी के काम आए तो इससे बढ़कर सौभाग्य की बात और क्या हो सकती है।
माननीय न्यायाधीशों से लेकर वकील तक करते थे मदद
मुकुल दुबे का जबलपुर से गहरा नाता था। उन्होंने जबलपुर में देशबंधु समाचार पत्र में कई वर्षों तक सेवाएं दीं। उन्होंने यहां वैसे तो प्रथम पेज से लेकर समाचार पत्र के हर पन्ने पर अपनी लेखनी की छाप छोड़ी। खेल उनका प्रिय विषय था। फिर उन्होंने अदालत की खबरों की ओर रुख किया और जिला अदालत से लेकर उच्च न्यायालय खबरों को अपनी कलम से पिरोया। उन्होंने अदालत से जुड़ी खबरों में महारत हासिल कर ली। वे लंबे समय तक देशबंधु से जुड़े रहे और जबलपुर के हर पत्रकार से वे हमेशा मृदुभाषी रहे। वे माननीय न्यायाधीशों से लेकर अधिवक्ताओं तक के विश्ववासपात्रों में से एक थे। सब उनकी सहायता करते थे। उन्हें सभी से पहले ही कोर्ट की खबरें मिल जातीं थी। बेहद सरल स्वभाव होने के कारण लोगों ने उनका भरपूर उपयोग भी किया।
परिवार ने मेडिकल कॉलेज को सौंपी देह, संत मोतीराम आश्रम ने कराया 8 वां देहदान
मुकुल दुबे जी के भाई अतुल दुबे, भतीजे अंशुल दुबे, आयुष दुबे, दामाद पवन व परिवार ने मुकुल का देहदान करवाया। उनके देहदान से चिकित्सा जगत को लाभ मिलेगा एवं सर्वसमाज में एक अच्छा संदेश जाएगा। परिवार ने देहदान के पूर्व नेत्रदान भी करवाया। उल्लेखनीय है महंत स्वामी खिम्यादास ने देहदान की अलख ज्योति जगाई है दुबे जी के देहदान के पूर्व आश्रम द्वारा । देह मेडिकल कॉलेज रीवा एवं सतना को सोपी गई है। भाई प्रहलाद, डॉ हेमंत पाण्डे, गोपीचंद कापड़ी, पद्मधर पाण्डे, जे.पी. निगम विनोद गुमा, दुबे जी को श्रद्धांजलि देते हुए परिवार का आभार व्यक्त किया है।

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