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जबलपुर साइंस यूनिवर्सिटी मतलब लापरवाही: ग्वालियर में निजी महाविद्यालय को बनाया बीएससी का परीक्षा केंद्र, एक माह बाद पहुंची उत्तरपुस्तिकाएं

जबलपुर, यशभारत। मप्र आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी मतलब लापरवाही का विवि ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि लगातार विवि के जिम्मेदार अधिकारी अनपढ़ ढंग से काम कर रहे हैं। इतने संवदेनशील विवि में नौकरी करने के बाबजूद लापरवाही की जा रही है। उत्तरपुस्तिका गीली मामला और उत्तरपुस्तिका गायब होने के बाद विवि के अधिकारियों ने ग्वालियर में निजी महाविद्यालय को बीएससी का परीक्षा केंद्र बना दिया गया जबकि नियम है कि निजी महाविद्यालयों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जा सकता है। गलती और लापरवाही का सिलसिला यही नहीं रूका निजी महाविद्यालय को परीक्षा केंद्र बनाने के बाद परीक्षा की कापियां 24 घंटे के वजाय एक माह बाद विवि पहुंच रही है।

एक नया कांड आया सामने
इस बार यूनिवर्सिटी ने बीएससी नर्सिंग की परीक्षाओं के लिए ग्वालियर के एक निजी कालेज को परीक्षा केंद्र बनाया जबकि पूर्व में ऐसा कभी नही हुआ ज्ञात हो को ग्वालियर संभाग हमेशा से नर्सिंग के क्षेत्र में विवाद्दो में रहा हे ओर माननीय न्यालय ने भी सीबीआईं जाँच के आदेश किए थे यही नही निजी परीक्षा केंद्र होने के बाद विश्वविद्यालय के जि़म्मेदार को यह परवाह नही थी की कॉपी आई या नही ओर परीक्षा ख़त्म होने के लगभग एक माह बाद विश्वविद्यालय कापी आई। जबकि नियम यह कहता है की जो भी प्रश्न पत्र की परीक्षा हो जाए उसकी कॉपी 24 घंटे के अंदर यूनिवर्सिटी के लिए पोस्ट हो जाना चाहिए मगर सितम्बर माह के आखिऱी सप्ताह में शुरू हुई परीक्षा की कॉपी परीक्षा ख़त्म होने के एक माह बाद आई।

सीएम को साइंस यूनिवर्सिटी की तरफ ध्यान देना होगा
गोपाल पराशर, अध्यक्ष नर्सिंग छात्र संगठन ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी की गतिविधियों की तरफ ध्यान देना होगा। आए दिन भ्रष्टाचार-लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। लगातार विवि के जिम्मेदार अधिकारी लापरवाही कर रहे हैं लेकिन कार्रवाई किसी पर नहीं हो रही है। छात्र इस आस में है कि सीएम खुद साइंस यूनिवर्सिटी के मामलों को संज्ञान में लेंगे। ग्वालियर नर्सिंग ओर नानअटेंडिंग कालेज का गढ़ है संगठन महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन कर विश्वविद्यालय पर करवायीकी मांग करेगा

भ्रष्टाचार करने के नए-नए तरीके खोजे जा रहे हैं
अभिषेक पांडेय, अध्यक्ष एमपीएसयू ने कहा कि मेडिकल यूनिवर्सिटी में अधिकारी भ्रष्टाचार के नए नए तरीक़े खोजने में लगे रहते पहले टाइपिंग मिसटेक के नाम पर रिज़ल्ट चेंज फिर कॉपी गीली ओर उन कापी का ऑफलाइन चेकिंग फिर बंडल ग़ायब ओर अब निजी कालेज को परीक्षा केंद्र ओर वहाँ से परीक्षा ख़त्म के एक माह बाद कापी आना क्या समझा जाए। यही नही विश्वविद्यालय के जि़म्मेदार अधिकारियोंने एक इंतज़ाम ओर कर रखा दिनांक5/09/22 को ईसी बेठक की विशेष बैठक् कर सिफऱ् विश्वविद्यालय को खंड खंड करने का इंतज़ाम जिसके तहत ऑनलाइन वैल्यूएशन होने के बाद भी भ्रष्टाचार में सुविधा के लिए रीजनल सेंटर में ही वैल्यूएशन करना जिससे सब काम आसानी से हो जाए।

 

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