जबलपुर अधूरा ओवरब्रिज निर्माण, जनता परेशान
अधूरी हालत ने नागरिकों की परेशानी बढ़ा दी

जबलपुर अधूरा ओवरब्रिज निर्माण, जनता परेशान
अधूरी हालत ने नागरिकों की परेशानी बढ़ा दी है।
जबलपुर, यश भारत। शहर में प्रदेश का सबसे लंबा फ्लाईओवर बनने का सपना अक्टूबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन 2025 की शुरुआत हो चुकी है और अब भी यह सपना अधूरा नजर आ रहा है। करीब तीन साल से चल रहे इस निर्माण कार्य ने शहर की रफ्तार को थाम रखा है। फ्लाईओवर का निर्माण मदन महल से गोपाल बाग, दमोह नाका से रद्दी चौकी और कृषि उपज मंडी तक के रास्तों को जोड़ने के लिए किया जा रहा है, लेकिन इसकी अधूरी हालत ने नागरिकों की परेशानी बढ़ा दी है।
क्या है फ्लाईओवर की मौजूदा स्थिति
मदन महल से गोपाल बाग के बीच फ्लाईओवर का काम अभी तक पूरी तरह खत्म नहीं हो सका है। कई स्थानों पर सड़कों का निर्माण अधूरा है तो कहीं रोटरी का काम रुका हुआ है। वहीं, दमोह नाका से रद्दी चौकी और कृषि उपज मंडी की ओर जाने वाले हिस्से में भी रोटरी का काम अधर में लटका है। वहीं आगा चौक में 10 बाय 10 का एक खूबसूरत सा गड्ढा छोड़ दिया गया है। इस तरीके के निर्माण कार्य ने न केवल यातायात को बाधित किया है, बल्कि सड़कों पर बने गड्ढों और मलबे के कारण स्थानीय निवासियों और राहगीरों को रोजाना मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
एलआईसी से महानंदा तक चालू, लेकिन अधूरी सुविधाएं
फ्लाईओवर का एलआईसी से महानंदा तक का हिस्सा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शुरू कर दिया गया था। हालांकि, इस हिस्से पर ट्रैफिक सुचारू हुआ है, लेकिन फ्लाईओवर की अधूरी स्थिति के कारण इसका समग्र लाभ अभी तक शहरवासियों को नहीं मिल पा रहा है। दमोह नाका एक्सटेंशन वाला हिस्सा सबसे खराब हालत में है, जहां निर्माण कार्य की धीमी गति और गुणवत्ता पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं।
लक्ष्य से पीछे चल रही परियोजना
फ्लाईओवर निर्माण का लक्ष्य 2024 में पूरा होना था, लेकिन काम लगभग एक साल पीछे चल रहा है। इसके कारण न केवल समय बर्बाद हो रहा है, बल्कि निर्माण लागत भी बढ़ती जा रही है। परियोजना के तहत तय समय सीमा और गुणवत्ता के दावे किए गए थे, लेकिन उनकी हकीकत कुछ और ही बयां करती है।