जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

मां है तो सब कुछ संभव है….. जबलपुर में 66 साल की मां ने किडनी देकर बचाई बेटे की जान, मेडिकल सुपर स्पेशलिटी में सफल प्रत्यारोपण

जबलपुर, यशभारत। कहते हैं मां है तो… सब कुछ संभव है… मां एक बार बेटे को जन्म देती है… परंतु जबलपुर में एक 66 साल की मां ने बेटे को किडनी देकर से उसे नया जीवन दिया है। सबसे गौर करने वाली बात ये है कि किडनी प्रत्यारोपण नेताजी सुभाषचंद्र बोस के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सरकार की आयुष्मान योजना से हुआ है। प्रत्यारोपण के बाद दोनों मां-बेटे को डिस्चार्ज कर दिया गया है। सुपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल में किडनी प्रत्यारोपण का 5 वां केस था।

जब मां ने बेटे को किडनी देने का किया फैसला

मां की ममता से भला कौन वाकिफ नहीं है. हर मां अपने बेटे को 9 महीने तक कोख में रखती है. लाड प्यार से पाल-पोस कर बड़ा करती है. ऐसे ही 36 वर्षीय बेटे को भी उनके परिजन ने बहुत प्यार से बड़ा किया है. अब बेटा 36 साल का हुआ तो उसकी दोनों किडनी खराब हो गई थी, ऐसे में 66 वर्षीय मां ने अपने बेटे की हालत को देख नहीं रह पाईं और उन्होंने 66 वर्ष की उम्र में भी अपने बेटे को किडनी देने का फैसला लिया। नेताजी सुभाषचंद्र बोस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डाॅक्टरों के अथक प्रयासों से किडनी का सफल ट्रांसप्लांट हुआ। अब मां बेटे दोनों स्वस्थ हैं. दोनों ने डॉक्टरों का बहुत-बहुत धन्यवाद किया है।

सुपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल में 2 साल से शुरू हैं किडनी प्रत्यारोपण

सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल मेडिकल के डायरेक्टर डॉ. अविनाश प्रताप सिंह ने बताया कि सुपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल शुरू होने के बाद मरीज की सेवाओं एवं नवीनतम उपचार के लिये एक उपयुक्त स्थान बन महाकौशल की जनता के लिये वरदान सावित हो रहा है। अभी विगत 2 वर्षों से किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा भी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल में उपलब्ध है। विगत रविवार 5 मई को कुण्डा कला जबलपुर निवासी 66 वर्षीय माता ने अपने 36 वर्षीय पुत्र को किडनी दान कर नया जीवन दिया। ऑपरेशन के मात्र 5 दिन बाद ही माता एवं पुत्र की छुट्टी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल से कर दी गई है। उक्त ऑपरेशन लेप्रोस्कोपिक पद्धति से किया गया है जिसमें रिकवरी जल्दी होती हैं।

आयुष्मान योजना हुआ प्रत्यारोपण

यह सफल ऑपरेशन आयुष्मान निरामयम भारत योजना के तहत् पूर्णतः निशुल्क हुआ है। यह महाकौशल क्षेत्र के लिये विशेष उपलब्धि है क्योंकि वह लोग जिन्हें किडनी ट्रान्सप्लांट की जरूरत है अब इन्हें लाखों रूपये खर्च कर महीनों दूसरे शहरों में नहीं भटकना पडेगा, एवं मरीजों को इस सुविधा का अधिक से अधिक लाभ मिल सकेगा। इस ट्रान्सप्लांट में डीन डॉ. नवनीत सक्सेना, डायरेक्टर डॉ. अवधेश कुशवाह, अधीक्षक ले. कर्नल डॉ. जितेन्द्र गुप्ता का विशेष योगदान एवं मार्गदर्शन रहा है। किडनी ट्रान्सप्लांट में प्रमुख भूमिका में नेफोलॉजी विभाग से डॉ. नीरज जैन, डॉ. तुषार घकाते. डॉ रत्नेश रोकडे, एवं यूरोलॉजी विभाग से डॉ. फणीन्द्र सिंह सोलंकी, डॉ. अविनाश प्रताप सिंह एवं अनुराग दुबे, निश्चेतना विभाग से डॉ. अमित जैन, मेडिसिन विभाग से विभागाध्यक्ष डॉ.एस नेल्सन एवं अन्य के योगदान पर डीन डाॅक्टर नवनीत सक्सेना ने बधाई दी है।

Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button