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अगर मैं चुनाव लडूंगा तो कोर्ट में केस कौन लड़ेगाः विवेक तन्खा

मीडिया के साथ बातचीत में कहा, मैं हर समय के लिए राजनीति नहीं कर सकता हूं. कांग्रेस पार्टी को मेरी वकालत की भी जरुरत है

 

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नई दिल्ली डेस्क। मध्य प्रदेश के सीनियर कांग्रेस और वकील विवेक तन्खा ने लोकसभा चुनाव नहीं लडने की वजहों का खुलासा किया. मीडिया से चर्चा में उन्होंने कई बड़े खुलासे किए. राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि अगर वो चुनाव लड़ेंगे तो कोर्ट में केस कौन लड़ेगा. उन्होंने कहा, श्मैं चुनाव लड़ता तो कांग्रेस के केस कौन लड़ता, मैं हर समय के लिए राजनीति नहीं कर सकता हूं. कांग्रेस पार्टी को मेरे वकालत की भी जरुरत है. पढ़े-लिखे वर्ग को राजनीति से साइडलाइन किया जा रहा है।

बीजेपी के 400 को बताया ख्याली पुलाव
बीजेपी के 400 पार के नारे पर विवेक तन्खा ने ख्याली पुलाव बताते हुए कहा कि भाजपा का 400 पार का नारा महज दावा है, हकीकत नहीं है.भाजपा सिर्फ 250-280 सीटें ही ला पाएगी . वहीं उन्होंने कांग्रेस के प्रदर्शन पर कहा कि 2019 चुनाव से बेहतर परफॉर्म कांग्रेस करेगी. इस वक्त एक ही मुद्दा, देश में निष्पक्ष चुनाव हो, क्चछ्वक्क जीती तो 2029 में सिर्फ एक ही पार्टी रहेगी, हम जनता को डरा नहीं रहे, सच्चाई बता रहे है।

क्चछ्वक्क नहीं चाहती देश में विपक्ष रहेरू तन्खा
विवेक तन्खा ने बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा कि क्चछ्वक्क नहीं चाहती देश में विपक्ष रहे और क्चछ्वक्क एक पार्टी से देश चलाना चाहती है. क्चछ्वक्क पूरे विपक्ष को खत्म करने में लगी है. देश में श्वष्ठ, ढ्ढञ्ज, ष्टक्चढ्ढ का दुरुपयोग हो रहा है. ये चुनाव प्रजातंत्र बचाने का चुनाव है. बीजेपी आई तो अगला चुनाव सिंगल पार्टी का होगा. नेताओं और दो राज्यों के सीएम को जेल में बंद करने पर कहा कि अरविंद केजरीवाल पर आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं. बीजेपी ने विपक्ष को डराने का सिस्टम बनाया है. क्या भ्रष्टाचार केवल विपक्ष में है।
ंश्मंडला, झाबुआ, धार, राजगढ़, छिंदवाड़ा में जीतेगी कांग्रेस्य
मध्य प्रदेश में लोकसभा प्रत्यशियों के नामों के ऐलान में देरी पर कहा कि वो किसी कमेटी का हिस्सा नहीं है. हालांकि उन्होंने दावा कि मंडला, झाबुआ, धार, राजगढ़, छिंदवाड़ा में कांग्रेस जीतेगी. कांग्रेस के कई और भी उम्मीदवार हैं, जो बेहतर प्रदर्शन करेंगे. पिछले विधानसभा में जबलपुर की जनता कह रही थी कि चार की चारों सीट कांग्रेस जीत रही है लेकिन परिणाम आए तो बीजेपी के उम्मीदवार 40-50 हजार वोटों से जीत रहे हैं, ऐसी ही स्थिति में ईवीएम से चुनाव कराने में भ्रम की स्थिति पैदा होती है।
क्या पार्टियां भी कारपोरेट की जा रही हैं
जिस प्रकार कांग्रेस टेक्स आतंकवाद का शिकार हुई एवं35 सौ करोड़ रुपये की मांग थोपी गई।हमें शंका मे डाल दिया है कि अब मीडिया के बाद बीजेपी अंबानी अडानी जैसे के माध्यम से राजनैतिक पार्टियों को अपने हाथ में लेंगी।
ईवीएम पर शक क्यों
पांच दशक पूर्व का जमाना याद आता है।जब स्व.शरद यादव एक लाख मतों से जीते थे।तब शहर के बाहर भी पहले से ही चर्चा और आवाज आती थी कि अब की चुनाव में शरद यादव जीत रहे हैं।आखिर जनता का अनुमान क्यों सही निकलता था।

श्प्रशासनिक नियुक्तियों में क्चछ्वक्क का हस्तक्षेप्य
क्चछ्वक्क पर बड़ा हमला बोलते हुए तन्खा ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक नियुक्तियों में क्चछ्वक्क का हस्तक्षेप करती है. यही काम ईवीएम को लेकर कर रही थी, जर्मनी समेत कई देशों ने ईवीएम सिस्टम बंद किया. देश में कांग्रेस के चुनाव लडने के फार्मूले पर कहा कि चुनाव कांग्रेस नहीं लड़ रही, ये जनता का चुनाव है. इमरजेंसी के वक्त किसी को नहीं लगा था विपक्ष जीतेगा. उस वक्त भी जनता ने प्रजातंत्र को बचाया था. जनता के भरोसे है विपक्ष और कांग्रेस है लेकिन बीजेपी राम के भरोसे है।

Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

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