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IAF चीफ का खुलासा: चीन से मुकाबले की हो रही तैयारी; LAC पर भारत बढ़ा रहा अपनी ताकत

भारतीय वायुसेना के  एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने शुक्रवार (4 अक्टूबर) को बड़ा बयान दिया । चीफ एयर मार्शल ने कहा कि चीन, एलएसी (Line of Actual Control) पर तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रहा है, खासकर लद्दाख क्षेत्र में। यह बात उन्होंने  एक प्रेस कांफ्रेंस में कही। एयर चीफ मार्शल भारत भी अपनी सीमाओं पर पूरी तैयारी कर रहा है और हर कदम पर नजर रखी जा रही है। बॉर्डर पर चीन के इंफ्रास्ट्रक्चर (China border infrastructure) से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा भारत भी अपनी रक्षा और सुरक्षा को और मजबूत करने में जुटा हुआ है।

भारतीय वायुसेना 2047 तक पूरी तरह स्वदेशी होगी
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना 2047 तक पूरी तरह स्वदेशी यानी की मेड इन इंडिया (Made in India) उपकरणों से लैस हो जाएगी। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय वायुसेना के इन्वेंटरी में आने वाले सभी उपकरण भारत में ही बने होंगे, जिससे रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता  बढ़ेगी। यह भारत के रक्षा उत्पादन में एक बड़ी उपलब्धि होगी। एयरफोर्स चीफ ने कहा कि यह कदम भविष्य में देश की सुरक्षा को और मजबूत करेगा।

रूस से मिले S-400 मिसाइल सिस्टम
एक दूसरे सवाल का जवाब देते हुए एयर चीफ मार्शल ने बताया कि रूस ने तीन S-400 मिसाइल सिस्टम भारत को सौंप दिए हैं। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि बाकी बचे दो मिसाइल सिस्टम अगले साल तक भारत को मिल जाएंगे। S-400। इन मिसाइलों की तैनाती से देश की रक्षा क्षमताओं में इजाफा होगा।

पिछले महीने ही एयरफोर्स चीफ बने हैं एपी सिंह
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह पिछले महीने ही भारतीय एयरफोर्स चीफ बने हैं। एपी सिंह ने पूर्व एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की जगह ली। पूर्व एयर चीफ मार्शल तीन साल तक सर्विस देने के बाद रिटायर हुए थे। एपी सिंह इससे पहले वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ के पोस्ट पर सेवाएं दे रहे थे। एपी सिंह के नए एयर चीफ मार्शल के तौर पर नियुक्ति के बाद वायुसेना में कई अहम बदलाव और कदम उठाए जा रहे हैं।

40 साल के बेहतरीन करियर का अनुभव
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह का करियर लगभग 40 वर्षों का है। वह 27 अक्टूबर 1964 को जन्मे और 1984 में वायुसेना में बतौर लड़ाकू पायलट शामिल हुए। अपने लंबे और सफल करियर के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण कमांड और स्टाफ पदों पर काम किया। साथ ही, उन्हें फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और पायलट ट्रेनर के तौर पर  भी जाना जाता है। एयर चीफ मार्शल के पास 5,000 से अधिक उड़ान घंटों का अनुभव है।

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