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महाराष्ट्र में I.N.D.I.A की सीट शेयरिंग फाइनल:48 लोकसभा सीटों में से उद्धव 20, कांग्रेस 18 और शरद 10 पर उतारेंगे प्रत्याशी

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महाराष्ट्र में I.N.D.I.A की तीन पार्टियों के बीच 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग पर बात बन गई है। राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से उद्धव ठाकरे की शिवसेना 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस को 18 और शरद पवार की NCP को 10 सीटें मिली हैं। तीनों पार्टियां महाविकास अघाड़ी अलायंस के तहत महाराष्ट्र में एक साथ हैं।

सूत्रों की मानें तो रीजनल पार्टी वंचित बहुजन अगाड़ी (VBA) को शिवसेना (उद्धव गुट) के हिस्से से दो सीटें मिलेंगी। VBA ने पहले 5 सीटों की मांग की थी। इसके अलावा निर्दलीय राजू शेट्टी को शरद पवार की पार्टी का समर्थन मिलेगा। सीट शेयरिंग को लेकर एक-दो दिन में आधिकारिक घोषणा हो सकती है।

मुंबई की 4 सीटों पर उद्धव उतारेंगे अपने उम्मीदवार
सूत्रों का कहना है कि शिवसेना (UBT) मुंबई की छह लोकसभा सीटों में से 4 पर चुनाव लड़ेगी, जिनमें से एक- मुंबई नॉर्थ ईस्ट VBA को दी जा सकती है। मुंबई की 6 सीटों पर कांग्रेस और उद्धव के बीच सहमति नहीं बन पा रही थी।

इस सिलसिले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 22 फरवरी को उद्धव ठाकरे से बातचीत भी की थी। राहुल ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बीच उद्धव को फोन किया और करीब एक घंटे बात की थी। कांग्रेस मुंबई की 3 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी।

इसमें मुंबई साउथ सेंट्रल, मुंबई नॉर्थ सेंट्रल और मुंबई नॉर्थ वेस्ट शामिल है। हालांकि, उद्धव ने मुंबई की 4 सीट- मुंबई साउथ, मुंबई नॉर्थ वेस्ट, मुंबई नॉर्थ ईस्ट और मुंबई साउथ सेंट्रल अपने लिए मांगी थी।

दोनों पार्टियों के बीच किन-किन सीटों पर सहमति बनी है, यह अभी स्पष्ट नहीं सका है। शिवसेना (तब अविभाजित थी) ने 2019 के चुनावों में 48 में से 22 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इनमें से 18 पर जीत हासिल की, जिसमें मुंबई की तीन सीटें शामिल थीं।

2019 में शिवसेना-भाजपा का 25 साल पुराना साथ टूटा
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर भी 2019 में चुनाव हुए थे। तब शिवसेना और भाजपा साथ थे। बीजेपी 106 विधायकों के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी। शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की। इसके बाद शिवसेना ने ढाई-ढाई साल के लिए CM के फॉर्मूले का दांव चला, लेकिन BJP नहीं मानी।

इसके कारण विधानसभा चुनाव के कुछ महीनों बाद ही उद्धव ने भाजपा के साथ 25 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया। शिवसेना ने 44 विधायकों वाली कांग्रेस और 53 विधायकों वाली NCP के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी अलायंस बनाकर सरकार बनाई, उद्धव ठाकरे CM बने थे।

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