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ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस (HMPV): बढ़ती श्वसन समस्या पर चिंता: डॉ. दीपक शुक्ला, पल्मोनोलॉजिस्ट

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वर्तमान समय में श्वसन संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी बीच ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस (HMPV) नामक वायरस, जो अपेक्षाकृत कम पहचाना जाता है, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभर रहा है। यह वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और विशेष रूप से कमजोर वर्गों में गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है।

HMPV क्या है?

ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस एक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से श्वसन तंत्र (सांस की नली, फेफड़े आदि) पर हमला करता है। यह वायरस पैरामिक्सोविरिडे परिवार का सदस्य है और इसके लक्षण अक्सर सामान्य सर्दी, इन्फ्लुएंजा या अन्य श्वसन संक्रमणों जैसे होते हैं।

यह कैसे फैलता है?

HMPV मुख्य रूप से निम्नलिखित तरीकों से फैलता है:

श्वसन बूंदों के माध्यम से: जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है।

संक्रमित सतहों के संपर्क से: दूषित सतह को छूने के बाद मुंह, नाक या आंखों को छूने से।

निकट संपर्क: संक्रमित व्यक्ति के साथ सीधे संपर्क में आने से।

प्रभावित समूह

हालांकि यह वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता है, लेकिन निम्नलिखित समूह विशेष रूप से जोखिम में हैं:

1. 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे: उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली पूरी तरह से विकसित नहीं होती।

2. बुजुर्ग: 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है।

3. पुरानी बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति: अस्थमा, सीओपीडी, या हृदय रोग जैसे रोगों वाले लोग।

4. कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग: कैंसर के मरीज, अंग प्रत्यारोपण कराने वाले, या इम्यूनोथेरेपी ले रहे व्यक्ति।

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लक्षण

HMPV के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 3-6 दिनों बाद दिखाई देते हैं। ये लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं, जैसे:

बुखार

गले में खराश

नाक बहना या बंद होना

खांसी

सांस लेने में कठिनाई या घरघराहट (सीवियर मामलों में)

थकान और कमजोरी गंभीर मामलों में, यह वायरस निमोनिया या ब्रोंकाइटिस का कारण बन सकता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में।

निदान और उपचार

HMPV का निदान आमतौर पर लक्षणों और नैदानिक परीक्षणों के आधार पर किया जाता है। इसके लिए स्वाब टेस्ट या ब्लड टेस्ट का उपयोग किया जा सकता है।

उपचार:

HMPV के लिए अभी तक कोई विशेष एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। उपचार मुख्य रूप से लक्षणों को प्रबंधित करने पर केंद्रित है, जैसे:

पर्याप्त आराम करना।

हाइड्रेशन बनाए रखना।

बुखार और दर्द के लिए पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन लेना।

गंभीर मामलों में ऑक्सीजन थेरेपी या अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता हो सकती है।

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रोकथाम के उपाय

HMPV के प्रसार को रोकने के लिए कुछ आसान लेकिन प्रभावी उपाय अपनाए जा सकते हैं:

1. हाथ धोना: साबुन और पानी से नियमित रूप से हाथ धोएं।

2. मास्क पहनें: भीड़भाड़ वाले स्थानों या सार्वजनिक परिवहन में मास्क का उपयोग करें।

3. संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें: खासकर बच्चों और बुजुर्गों को संक्रमित लोगों से दूर रखें।

4. सतहों को साफ रखें: दरवाजों के हैंडल, टेबल, मोबाइल फोन जैसी चीजों को नियमित रूप से सैनिटाइज करें।

5. छींकने और खांसने के शिष्टाचार का पालन करें: मुंह और नाक को रूमाल, टिशू, या कोहनी से ढकें।

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जागरूकता और अपील

HMPV के बढ़ते मामलों को देखते हुए, यह आवश्यक है कि लोग इस वायरस के बारे में जागरूक हों। सही समय पर निदान और उपचार गंभीर जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकता है। मैं सभी से अपील करता हूं कि वे इस वायरस के बारे में जानकारी फैलाएं और बचाव के उपायों का पालन करें।

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