जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

धीरज कब तक रखेंगे धैर्य

 

जबलपुर यश भारत। जबलपुर जिले की आठ विधानसभा सीटों में सबसे ज्यादा घमासान भारतीय जनता पार्टी की ओर से उत्तर मध्य विधानसभा सीट पर देखने को मिल रहा है। जहां से भाजपा द्वारा अभिलाष पांडे को प्रत्याशी बनाया है। अभिलाष पांडे के नाम की घोषणा होने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी संभागीय कार्यालय में जो कुछ भी हुआ वह किसी से छिपा नहीं है। अब इसके बाद यहां से विरोध के स्वर लगातार उठते जा रहे हैं। जिसको लेकर दो दिन पहले भाजपा की एक महिला नेत्री के घर में भाजपा की तरफ से टिकट मांग रहे कुछ दावेदारों व क्षेत्रीय नेताओं ने एक बैठक भी की थी। जिसके बाद केंद्रीय नेतृत्व को अपनी मनसा जाहिर भी की गई है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर भाजपा नेता धीरज पटेरिया का है जो 2018 में विधानसभा का निर्दलीय चुनाव लड़े थे। तब वे भाजपा के कोटे की अच्छी खासी वोट काटने में कामयाब रहे । जिसके चलते भाजपा को अपनी इस परंपरागत सीट से हाथ धोना पड़ा था। इस बार भी वे इस टिकट से नाराज दिख रहे हैं। ऐसे में उनका क्या निर्णय होता है वह सबसे महत्वपूर्ण होगा। जिसको लेकर वह अभी कुछ भी नहीं कह रहे हैं। लेकिन राजनीतिक विचारों को समझे तो उनकी ना खुशी समझी जा सकती है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार धीरज पटेरिया अपना धैर्य रखते हैं या फिर पिछली बार की तरह इस बार भी भाजपा के लिए रोड़ा खड़ा कर सकते हैं।

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पार्टी के नाम से मंगवा रहे फॉर्म

उत्तर मध्य विधानसभा में भाजपा की तरफ से विरोध को इस बात से समझा जा सकता है कि वर्तमान में तीन भाजपा नेताओं ने नामांकन फॉर्म निर्वाचन कार्यालय से मंगवाया है। जिसमें अपनी पार्टी का नाम उन्होंने भारतीय जनता पार्टी दर्ज कराया हुआ है। इसके अलावा चार से पांच नेता और हैं जो आज या कल में नामांकन फार्म पार्टी के नाम से ले सकते हैं। जिसमें एक विधानसभा के बड़े नेता का भी नाम सामने आ रहा है। जो टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। लेकिन पार्टी द्वारा उन्हें मौका नहीं दिया जिससे न खुश होकर उन्होंने भी फार्म बुलवाया है। जिसमें प्रमुख बात यह है कि भाजपा नेता टिकट न मिलने के बाद भी पार्टी का नाम दर्ज करा कर फॉर्म ले रहे हैं ।जो यह बताता है कि अभी भी उन्हें टिकट बदले जाने की उम्मीद है।

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