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HMPV वायरस से मचा हड़कंप: 24 घंटे में देश के पांच राज्यों में 8 मामले सामने आए, जानें कहां-कहां मिले संक्रमित

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चीन में तेजी से फैल रहे HMPV वायरस (Human Metapneumovirus) ने अब भारत में भी पैर पसारना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और पश्चिम बंगाल में HMPV वायरस के कुल 8 मामले सामने आए हैं। मंगलवार को महाराष्ट्र के नागपुर में 13 साल की लड़की और 7 साल के लड़के में इस वायरस की पुष्टि हुई। दोनों बच्चों में सर्दी और बुखार जैसे लक्षण नजर आए। टेस्ट के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई। हालांकि, दोनों की हालत गंभीर नहीं है। फिलहाल दोनों बच्चों को घर पर ही आइसोलेट रखा गया है  और उनका इलाज किया जा रहा है। बीते दो दिनों में आठ मामले सामने आने से देश भर में हड़कंप मच गया है।

कर्नाटक और तमिलनाडु में भी मिले संक्रमित
कर्नाटक में 3 महीने की बच्ची और 8 महीने के बच्चे में HMPV वायरस पाया गया। दोनों की जांच बेंगलुरु के एक अस्पताल में हुई। तमिलनाडु में एक बच्च्चा सेलम मेंऔर एक बच्चा चेन्नई समेत कुल 2 बच्चे वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। राज्य सरकारों ने मामलों को गंभीरता से लिया है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बच्चों की स्थिति फिलहाल स्थिर। इस वायरस का बच्चों पर अधिक असर देखा जा रहा है। इसकी वजह से स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है।

इस टेबल के जरिए समझिए कहां मिले कितने संक्रमित:

राज्य   संक्रमित बच्चों की संख्या विवरण
कर्नाटक   23 महीने और 8 महीने के बच्चे
महाराष्ट्र 27 और 13 वर्ष के बच्चे
गुजरात 12 महीने की बच्ची
पश्चिम बंगाल15 महीने का बच्चा
तमिलनाडु 22 और 6 साल के बच्चे

गुजरात और पश्चिम बंगाल में भी सामने आए मामले
पश्चिम बंगाल में 5 महीने के बच्चे में HMPV के लक्षण पाए गए। वहीं, गुजरात के अहमदाबाद में 2 महीने का बच्चा वायरस से संक्रमित है। अहमदाबाद का बच्चा राजस्थान का निवासी है और इलाज के लिए गुजरात पहुंचा। उसकी हालत पहले गंभीर थी, लेकिन अब बेहतर है। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को 5 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया था। इन राज्यों में स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। ICMR ने मामलों की मॉनिटरिंग तेज कर दी है।

स्वास्थ्य मंत्री बोले-घबराने की जरूरत नहीं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि HMPV वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। केंद्र सरकार इस वायरस को लेकर सतर्क है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि HMPV वायरस सांस लेने और हवा के जरिए फैलता है। यह सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन छोटे बच्चों पर इसका असर अधिक है। WHO इस वायरस की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट जारी की जाएगी। नड्डा ने कहा कि भारत सरकार HMPV वायरस से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है।

कोविड-19 जैसे लक्षण, लेकिन कम खतरनाक
HMPV वायरस के लक्षण कोविड-19 जैसे हैं। संक्रमित मरीजों में सर्दी, खांसी और बुखार देखा गया है। इसके अलावा गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर ज्यादा असर डाल सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों ने इसे कोविड-19 के डेल्टा वेरिएंट जितना खतरनाक नहीं माना है।

वायरस पर क्या कहते हैं अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ?
टेक्सास (Texas) के CovidRxExchange के फाउंडर डॉ. शशांक हेडा का कहना है कि मीडिया इस वायरस को लेकर स्थिति को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि HMPV जैसे वायरस मौसमी होते हैं और समय के साथ उनके मामलों में गिरावट आती है। उन्होंने जोर दिया कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है।

सरकार वायरस से निपटने के लिए तैयार
केंद्र सरकार ने कहा है कि देश में ICMR और IDSP के जरिए फ्लू और सांस से जुड़ी बीमारियों के बढ़ने के पैटर्न पर नजर बनाए हुए है। सरकार ने HMPV के टेस्टिंग लैब की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने तेजी से बढ़ रहे HMPV वायरस पर WHO से चीन की स्थिति पर अपडेट भी मांगा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में इस वायरस से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन और व्यवस्थाएं मौजूद हैं। इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।

क्या है HMPV वायरस?
HMPV एक RNA वायरस है, जो सर्दी, खांसी और बुखार जैसे लक्षण पैदा करता है। यह खांसने और छींकने से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से इसका संक्रमण होता है। 2 साल से कम उम्र के बच्चों पर इसका सबसे ज्यादा असर होता है। वायरस के गंभीर मामलों में निमोनिया और ब्रोंकाइटिस हो सकता है। अगर सही समय से इलाज नहीं मिले तो यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है।

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