आरडीयू डिप्टी रजिस्ट्रार मिश्रा के तबादले पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक उच्च शिक्षा विभाग को नोटिस
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जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (आरडीयू) के डिप्टी रजिस्ट्रार दीपेश मिश्रा का तबादला डॉ. बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू (इंदौर) किए जाने पर एमपी हाईकोर्ट ने रोक लगा दिए हैं। दरअसल, डिप्टी रजिस्ट्रार दीपेश मिश्रा ने तबादला के विरूद्ध एमपी हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। जिसमें उन्होने ने बताया कि डॉ. बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू (इंदौर) में डिप्टी रजिस्ट्रार का पद ही नहीं है। ऐसे में तबादला जल्दबाजी में लिया गया निर्णय प्रतीत होता है। पूर्व में भी एक ऐसे मामले में उन्हें निलंबित कर दिया गया था, जिससे उनका कोई लेना देना नहीं था। उक्त प्रकरण में भी एमपी हाईकोर्ट से उन्हें स्टे प्राप्त है। जस्टिस विशाल मिश्रा की कोर्ट ने तमाम बिंदूओं पर विचार करने के बाद तबादले पर रोक लगा दी है। वहीं उच्च शिक्षा विभाग को नोटिस जारी करते हुए जबाव तलब किया है।
इधर,आरडीयू पहुंची जांच कमेटी,6 बिंदूओं पर मांगी जानकारी-
पूर्व कुलगुरू कपिल देव मिश्र के कार्यकाल में हुई वित्तीय अनियमितता की शिकायत की जांच में अब नया मोड़ आ गया है। आरडीयू कर्मचारियों कर्मचारी संघ पदाधिकारियों की शिकायत पर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा बैठाई गई जांच में महज एक अधिकारी को घेराबंदी की जा रही है। लंबी चुपी के बाद गत बुधवार को विश्वविद्यालय पहुंची जांच कमेटी ने संबंधित अधिकारी से 6 बिंदूओं पर जवाब मांगा। जिसके बाद संबंधित अधिकारी ने जांच कमेटी मेंबर्स से उन दस्तावेजों को मांगा, जिसे आधार बनाकर उनसे जबाव तलब किया जा रहा है। वहीं जबाव प्रस्तुत करने के लिए समय दिए जाने की मांग की गई। बात साफ है कि जांच में पूर्व कुलगुरू व अन्य को बचाते हुए केवल एक अधिकारी को टारगेट किया जा रहा है। संभवता: उच्च शिक्षा विभाग ने जांच का अंतिम परिणाम भी पूर्व से ही तय कर रखा है। सवाल-जबाव की औपचारिता पूर्ण होते ही उच्च शिक्षा विभाग अपना फरमान सुना देगा। लेकिन जानकारों का कहना है कि अगर कार्यवाही एकतरफा हुई तो मामला कोर्ट तक जाना तय है, फिर जांच कमेटी को जबाव देना भी मुसकिल हो जाएगा।