मणिपुर में हाई अलर्ट! म्यांमार से दाखिल हुए 900 ट्रेंड कुकी उग्रवादी, टारगेट पर मैतई गांव

इंफाल. उत्तर पूर्वी भारत का राज्य मणिपुर पिछले साल भर से अधिक समय से हिंसा की आग में झुलस रहा है. इस बीच मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह के ऑफिस से पुलिस को भेजे गए एक अलर्ट ने चिंता की लकीरें और बढ़ा दी है. इस खुफिया रिपोर्ट के हवाले से बताया गया कि म्यांमार से 900 से ज्यादा कुकी उग्रवादी मणिपुर में घुस आए हैं. इन उग्रवादियों का मकसद 28 सितंबर के आसपास इंफाल घाटी के मैतई बहुल गांवों पर हमले करना है. खुफिया रिपोर्ट में यह कहा गया कि इन सभी को हाल ही में ड्रोन, प्रोजेक्टाइल और मिसाइल दागने की ट्रेनिंग दी गई है.
सीएम ऑफिस की तरफ से 16 सितंबर को जारी अलर्ट में कहा गया है कि ये उग्रवादी ‘कथित तौर पर 30-30 लोगों की टुकड़ियों में हैं. ये फिलहाल आसपास ही छिपे हुए हैं और गांवों पर सिलसिलेवार हमले की तैयारी कर रहे हैं. इस जानकारी के बाद से चूड़ाचांदपुर, टेंग्नौपाल, उखरुल, कामजोंग और फेरजावल जिले हाई अलर्ट पर हैं.
हाई अलर्ट पर मणिपुर पुलिस और असम राइफल्स
बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने कहा कि ‘जब तक यह खुफिया इनपुट गलत साबित नहीं हो जाता, हम मानते हैं कि यह 100% सही है और इसके लिए तैयार हैं’. सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि मणिपुर पुलिस और असम राइफल्स के जिले और सीमावर्ती इकाइयां अधिकतम अलर्ट पर हैं.
मणिपुर में 2023 के मध्य में जातीय संघर्ष भड़कने के बाद से डिप्यूट किए गए पूर्व सीआरपीएफ महानिदेशक ने कहा, ‘अगर यह सच नहीं होता है, तो या तो यह हुआ ही नहीं या हमारी कोशिशों ने इसे होने नहीं दिया. किसी भी तरह से, आप इसे हल्के में नहीं ले सकते.’ सिंह ने कहा कि उनका तलाशी अभियान हथियारों को जब्त करने पर केंद्रित है, लेकिन अब रॉकेट, मिसाइल, ड्रोन और बैटरी बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्रियों की तलाश की जा रही है.
सुरक्षा सलाहकार ने कहा, ‘डीएम को सतर्क कर दिया गया है और लाइसेंस प्राप्त मालिकों के पास विस्फोटकों के स्टॉक की जांच करने के लिए कहा गया है. पहाड़ियों के 5 किमी के दायरे में सभी जुड़ी सड़कों और गांवों में भी स्टॉक की जांच की जा रही है.’ उन्होंने कहा कि संघर्ष शुरू होने के बाद से सुरक्षा बलों द्वारा जब्त किए गए 2,681 हथियारों में से एक तिहाई पहाड़ियों में और दो तिहाई घाटी में थे.