हैक्सी स्टैण्ड बने कबाडखाने, स्मार्ट सिटी के निर्माण भी बनेे दुकान

जबलपुर, यशभारत। टाउन हॉल के बाहर मुख्य मार्ग पर स्मार्ट सिटी के सौजन्य से साइकिल हैक्सी स्टैंड की शुरुआत की गई थी। लेकिन यहां मौजूद साइकिल धीरे-धीरे गायब होती गई और वर्तमान में यह हैक्सी स्टैण्ड की जगह पर कबाड़ खाने का संचालन किया जा रहा है। जिसमें अस्थाई अतिक्रमण कर बाकायदा कबाड़ की दुकान खोल ली गई है। इसी तरह शहर में अचानक से सडक़ों के किनारे बने फुटपाथ में कबाडिय़ों की दुकानें दिखाई देनी शुरू हो गई है। इन अवैध अतिक्रमणकारियों ने, न केवल शहर की फुटपाथों पर कब्जा कर लिया है, बल्कि जबलपुर स्मार्ट सिटी के द्वारा किए गए निर्माण में भी अब कबाडख़ाने नजर आने लगे है। सारी समस्या का मूल कारण नगरीय प्रशासन विभाग का वह आदेश है, जिसमें बारिश के मौसम में इन अतिक्रमणों को न हटाने का आदेश दिया गया था, इसके बाद से ही लगातार शहर भर में अवैध कब्जाधारी जमने लगे। सरकारी आदेश के चलते जिम्मेदार अधिकारी भी चुपचाप शहर में बढ़ रहे इस अतिक्रमण को देखने के लिए मजबूर थे। वहीं अब बारिश का मौसम बीत जाने के बाद भी इन्हें हटाने की कोई भी जहमत अतिक्रमण विभाग द्वारा नहीं की गई हैं।

कल्चरल स्ट्रीट में भी कबाडखाना- जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता को यह देखकर ही समझा जा सकता है कि, भंवरताल उद्यान के बगल में लाखों रुपए की कीमत से बनी कल्चरल स्ट्रीट में भी अब कबाड खाना खुल गया है। ताज्जुब तो इस बात का है कि पॉश इलाके में खुले इस कबाड़ खाने को लेकर क्षेत्रीय नागरिकों ने भी आज तक कोई आपत्ति दर्ज नहीं की। वहीं कल्चरल स्ट्रीट में जमें कबाड की दुकान को हटाने की जिम्मेदार अधिकारियों ने नहीं हटाया है।
रहवाशियों को संक्रमण का खतरा- अतिक्रमण के रूप में काबिज दुकान पर आने वाले कबाड़ को रोड पर एवं खाली जगह पर जमा कर दिया जाता हैं।जिसमें अस्पतालों से आने वाला कचरा भी शामिल होता है। ऐसे में लोगों को संक्रमण का खतरा बना हुआ है। वही ई गार्बेज की भी अधिकता के चलते लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

अपराधीकरण भी एक समस्या- अतिक्रमणकारियों द्वारा क्षेत्रीय लोगों में भय व्याप्त करने के उद्देश्य को लेकर आए दिन छुटपुट झगड़े किए जाते हैं, तो कई बार यहां के रहने वाले लोग भी इन झगड़ों का खामियाजा भुगतते हैं। वहीं कुछ मनचले लोग भी महिलाओं से छेड़छाड़ तक कर देते हैं। कई बार बड़ी घटनाओं को भी अंजाम दिया जा चुका है। यहां तक कि कई बार कबाडियो द्वारा चोरी के माल की खरीद फरोख्त के मामले भी सामने आ चुके है।