जबलपुरमध्य प्रदेश

GST News:- जीएसटी पोर्टल हुआ क्रैश…..कर सलाहकार हुए परेशान …कई व्यापारी अपनी रिटर्न भरने से चुके…

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Jabalpur news:- जीएसटी प्रणाली लागू होने के पांच साल बाद भी पोर्टल की बदहाली दूर नहीं हो रही । शुक्रवार तारीख 11 अगस्त को, जुलाई के मासिक जीएसटी -1 भरने की अंतिम तारीख थी। आखिरी तारीख पर दोपहर से जीएसटी पोर्टल ने घुटने टेक दिए। शाम तक पोर्टल बहाल नहीं हो सका। जीएसटी पोर्टल क्रैश हो गया और संदेश मिलने लगा कि अधिक ट्रैफिक के कारण पोर्टल रिटर्न लेने में अक्षम है। हैरानी ये कि पोर्टल के विकास के लिए सरकार सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। व्यापारियों पर आनलाइन रिटर्न दाखिल करने की अनिवार्यता है लेकिन हर माह पोर्टल ठप हो जाता है। जीएसटी पोर्टल ठप हो जाने की वजह से यदि कोई व्यापारी आखिरी तारीख पर यदि किसी व्यवसाय का जीएसटी 1 प्रस्तुत नहीं हो सका तो उनसे माल क्रय करने वाले समस्त व्यवसायियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त नहीं होगा। इससे व्यापारियों को जेब से टैक्स भरना होगा। साथ ही उनके व्यापारिक संबंध भी खराब होंगे। यह जीएसटी काउंसिल की जवाबदारी है कि आखिरी समय तक पोर्टल ठीक काम करे। GST news:-

सात दिवस में ऐसी राशि जमा करने हेतु नोटिस जारी किया जाएगा

Jabalpur news:- हाल ही में शासन ने जीएसटी के प्रविधानों में संशोधन करके यह परिवर्तन कर दिया है कि किसी व्यवसायी ने जीएसटी 2बी में दर्शाई गई क्रेडिट से अधिक क्रेडिट जीएसटीआर 3बी में क्लेम की है तो ऐसे व्यवसायी को सात दिवस में ऐसी राशि जमा करने हेतु नोटिस जारी किया जाएगा। उसके बाद भी समाधानकारक उत्तर प्रस्तुत नहीं करने या राशि नहीं जमा करने पर ऐसे व्यवसाय का अगला जीएसटी- 1 ब्लाक कर दिया जाएगा। GST news:-

सरकार द्वारा 1380 करोड़ रुपए से भी ज्यादा जीएसटी पोर्टल पर इन्वेस्ट किया जा चुका है

Jabalpur news:- कर अधिवक्ता अभिषेक ध्यानी का कहना है कि आज तारीख तक सरकार द्वारा 1380 करोड़ रुपए से भी ज्यादा जीएसटी पोर्टल पर इन्वेस्ट किया जा चुका है…..यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह इंफोसिस से सवाल करें कि हर महीने व्यापारी को इस प्रकार की परेशानियों से क्यों गुजरना पड़ता है?….अगर व्यापारी को किसी प्रकार की भी शास्ति लगती है तो इसके लिए सीधे सीधे तौर पर इंफोसिस का बनाया हुआ सॉफ्टवेयर जिम्मेदार है…इससे पहले भी सरकार को सुझाव दिया गया है कि सभी व्यापारियों के लिए मासिक रिटर्न को त्रैमासिक कर देना चाहिए….सरकार कर का भुगतान मानसिक तौर पर ले परंतु व्यापारियों को त्रैमासिक रिटर्न भरने की सुविधा प्रदान करें…सरकार द्वारा जीएसटी की मूल संरचना जब की गई थी तो उसमें मात्र एक रिटर्न का ही भरने का प्रावधान था, परंतु आज तारीख तक व्यापारी कई रिटर्ंस भर के परेशानी झेलते रहता है…अधिकतर व्यापारियों को यह समझ में नहीं आता कि वह व्यापार करें कि हर महीने रिटर्न भरने की परेशानियों से जूझते रहे….सरकार अगर व्यापारियों की मदद करना चाहती है तो सभी प्रकार के व्यापारियों के लिए उसे त्रैमासिक रिटर्न कर देनी चाहिए।व्यापारियों को तो लाभ होगा ही साथ में जीएसटी पोर्टल सही तरीके से काम कर पाएगा।

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