अवैध कॉलोनियों पर सरकार का सख्त एक्शन – भू-माफिया पर लगाम लगाने प्रदेश में बनाया जा रहा कड़ा कानून

भोपाल यशभारत। मप्र में अवैध कॉलोनियां मकड़ी के जाल की तरह फैल रही हैं। शासन प्रशासन को ये भू-माफिया खुली चुनौती दे रहे हैं। ऐसे में अब मोहन सरकार इन अवैध कॉलोनियों पर सख्त एक्शन लेने जा रही है।मप्र की मोहन सरकार माफियाराज को खत्म करने लगातार सख्त कदम उठा रही है। इस बार टारगेट पर भू-माफिया है। जो सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाने के साथ ही बेशकीमती सरकारी जमीनों को भी दवाएं बैठे हैं। अगस्त 2023 में मप्र में शिवराज सरकार ने प्रदेश की 8113 अवैध कॉलोनियों में से 2792 कॉलोनियों को वैध घोषित किया था। डेढ़ साल के अरसे में ही मप्र के 413 नगरीय निकायों में अवैध कॉलोनी की तादाद 15 हजार के पार हो चुकी है।
अफसर और राजस्व अमले पर खड़े हुए सवाल
मप्र में अवैध कॉलोनियों का मकड़जाल जिस तेजी के साथ फेल रहा है, ये सीधे तौर पर अफसर और राजस्व अमले पर भी सवाल खड़े कर रह है। लोगों का कहना है कि, प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों की भूमाफिया के साथ सांठगांठ ही अवैध कॉलोनियों की बसाहट की मुख्य वजह है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जिले कि करीब 350 अवैध कॉलोनी तो भूमाफिया ने सरकारी जमीन को कब्जा कर बसाई है। तो 50 कॉलोनी ऐसी है जो चरनोई की है। ऐसे में भू-माफिया इस नेक्सस को सिर्फ मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ही तोड़ सकते है।बता दें कि, बीती तत्कालीन शिवराज सरकार ने प्रदेश के सभी निकाय क्षेत्रो में 8113 अवैध कालोनियों को चिन्हित कर उसमें से 2792 कॉलोनी को वैध घोषित किया था।
प्लानिंग थी कि अब आगे अवैध कॉलोनियों को पनपने नहीं दिया जाएगा। लेकिन तत्कालीन सरकार की मंशा के मुताबिक अवैध कॉलोनी पर जो शिकंजा कसना था वह कस नहीं पाया, उल्टा अवैध कॉलोनियों को वैध किया तो प्रदेश में अवैध कॉलोनी की बाढ़ सी आ गई। ऐसे में अब प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इन अवैध कॉलोनियों पर कसावट से जुड़ा बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि अवैध कॉलोनियों पर लगाम लगाने के लिए अब प्रदेश में कड़ा कानून बनाया जा रहा है। अगले विधानसभा सत्र में इस कानून को लाया जाएगा। नगरीय प्रशासन मंत्री के बयान के बाद अब मप्र में भूमाफिया में हड़कंप मच गया है। ऐसे में अब अगले विधानसभा सत्र में मप्र सरकार अवैध कॉलोनी के खिलाफ कानून लाएगी तो शायद इस पर लगाम लग पाएगी। साथ ही मप्र की मोहन सरकार प्रदेश के इस सबसे बड़े मकड़जाल को साफ करने कामयाब हो सकेगी।