नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय कारागार में कैदियों को टेली मेडिसिन सेवा की सौगात, पहले दिन 10 बंदियों को मिला लाभ

जबलपुर, यशभारत। नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय कारागार में निरुद्ध बंदियों को वीडियो कॉलिंग के माध्यम से जेल में ही विशेषज्ञ चिकित्सकों का परामर्श मिलना आज से शुरू हो गया है। इसके लिए जेल प्रशासन आज से टेलीमेडिसिन सेंटर शुरू कर दिया हैै इसके माध्यम से अस्वस्थ बंदियों को परामर्श और उपचार देने के लिए नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ उपलब्ध होंगे, जिसके लिए जेल प्रबंधन और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के बीच रूपरेखा तय की गई थी। पहले दिन 10 बंदियांे को टेली मेडिसिन सेवा के तहत चैकअप किया गया। जेल में टेलीमेडिसिन सुविधा उपलब्ध होने से बंदियों को समय पर उपचार तो मिलेगा ही, साथ ही जेल प्रबंधन द्वारा बंदियों को अस्पताल लाने ले जाने में लगने वाले समय, आर्थिक खर्च और सुरक्षा की भी बचत होगी। मेडिकल कॉलेज में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए जगह तय हो गई है, साथ हर दिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता हो सके, इसलिए रोस्टर बनाया जा रहा है। टेलीमेडिसिन के लिए दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक, 1 घंटे का समय तय किया गया है।
जानकारी के अनुसार मान्नीय उच्चतम न्यायालय नईदिल्ली द्वारा पारित आदेश के अनुक्रम में एवं मान्नीय न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल अध्यक्ष म.प्र. उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के मार्गदर्शन में तथा मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के तत्वाधान एवं डॉ. नवनीत सक्सेना अधिष्ठाता मेडीकल कॉलेज जबलपुर के सहयोग से आज केन्द्रीय जेल जबलपुर में परिरूद्ध बंदियों के हितार्थ टेलीमेडीसिन की सुविधा का शुभारम्भ किया गया, जिसमें मेडीकल कॉलेज जबलपुर के मेडीसिन विभाग के चिकित्सक विशेषज्ञ डॉ. शिवेन्द्र द्वारा 10 दण्डित बंदियों का टेली-मेडीसिन के माध्यम से उपचार किया गया तथा अधिष्ठाता, मेडीकल कॉलेज, जबलपुर द्वारा निर्धारित रोस्टर अनुसार प्रत्येक कार्यदिवस में मेडीकल कॉलेज के चिकित्सक विशेषज्ञों द्वारा टेली-मेडीसिन के माध्यम से बंदियों का उपचार किया जायेगा। उक्त सुविधा का शुभारम्भ जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर, जेल चिकित्सक डॉ. लक्ष्मण शाह, उप जेल अधीक्षक (प्रशासन) श्री मदन कमलेश, उप जेल अधीक्षक श्रीमती रूपाली मिश्रा, जेल फार्मासिस्ट श्री अरविन्द दांगी की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। मालूम हो कि कारागार में टेलीमेडिसिन सेंटर बनाने के निर्देश सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए हैं, जिसके चलते मेडिकल कॉलेजों को केंद्रीय कारागारों से जोड़ा जा रहा है। वर्तमान में जबलपुर केंद्रीय कारागार के अलावा दमोह, कटनी, सतना, मंडला, डिंडौरी जैसे जिलों के कारागार से भी रोजाना बंदी इलाज के लिए जबलपुर आते हैं। इन्हें मिलाकर रोजाना 15 से 20 बंदियों को अस्पताल लाया ले जाया
जाता है।