जबलपुरदेशभोपालमध्य प्रदेशराज्य

काली रात और धुंध के बीच आतंकियों का किया सामना, वीरगति को प्राप्त हुए कैप्टन बृजेश व तीन जवान

जम्मू संभाग के जिला डोडा मुख्यालय से करीब तीस किलोमीटर दूर जंगल और ऊंचे पहाड़ों से घिरा इलाका देसा में आतंकियों की तलाश में सोमवार को अभियान शुरू हुआ। सेना, पुलिस, सीआरपीएफ के जवान दहशतगर्दों की तलाश में चप्पा-चप्पा खंगालते हुए आगे बढ़ रहे थे। इसी दौरान सोमवार शाम साढ़े सात बजे के करीब आतंकियों के साथ मुठभेड़ शुरू हुई। इसके बाद अतिरिक्त बल को भी मौके पर बुलाया गया। रात में एक बार फिर आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई। मानसून के सीजन में ये इलाका धुंध से घिरा रहता है। इस चुनौती के साथ बहादुर सेना के जवान आतंकियों से लोहा लेते रहे। साथ ही आतंकी ऊंची जगह पर छिपे हुए थे और सेना के जवान नीचे से ऊपर की ओर बढ़ते हुए दहशतगर्दों का मुकाबला कर रहे थे।

जबांज सैनिक पूरी बहादुरी के साथ आतंकियों की गोलियों का मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे। इसी बीच सेना के कैप्टन बृजेश थापा, जवान नायक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र और अजय सिंह घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। अंधेरे का फायदा उठाकर आतंकी घने जंगल में भाग निकले।

सुबह सूरज की किरणों के साथ ही एक बार फिर बड़े पैमाने में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है। खोजी कुत्ते, ड्रोन व अन्य आधुनिक हथियारों के साथ आतंकियों की तलाश की जा रही है। मुठभेड़ स्थल के साथ लगते सभी संपर्क मार्गों पर भी अतिरिक्त जांच की जा रही है।

ये हुए बलिदान

कैप्टन बृजेश थापा, दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल
नायक डी राजेश, आंध्र प्रदेश
सिपाही बिजेंद्र, झुंझुनूं, राजस्थान
सिपाही अजय सिंह, झुंझुनूं, राजस्थान

बचपन से ही सेना में शामिल होना चाहते थे कैप्टन बृजेश थापा

कैप्टन बृजेश थापा ने डोडा ऑपरेशन में वीरगति को प्राप्त किया। जानकारी के अनुसार, वह पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के दूसरे पीढ़ी के अधिकारी थे। गढ़वाल राइफल्स के अपने पिता कर्नल बी थापा (सेवानिवृत्त) से प्रेरित होकर वह ओटीए चेन्नई से सेना में शामिल हुए। बचपन से ही वह अपने पिता की तरह सेना में रहना चाहते थे और हमेशा आगे बढ़कर नेतृत्व करने में विश्वास करते थे। वह आर्मी एयर डिफेंस में थे। युवा कैप्टन बृजेश ने डोडा में आगे बढ़कर नेतृत्व किया और पहाड़ की चोटी पर आतंकवादियों को रोके रखा। उन्होंने भारतीय सेना के तीन अन्य जवानों के साथ सर्वोच्च बलिदान दिया।

सैनिकों के बलिदान का बदला जल्द लेंगे- उपराज्यपाल

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने डोडा मुठभेड़ में बलिदान हुए सेना और पुलिस के जवान के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि सैनिकों की शहादत का बदला जरूर लेंगे।

उपराज्यपाल ने कहा, ‘डोडा जिले में हमारे सेना के जवानों और जेकेपी कर्मियों पर हुए कायरतापूर्ण हमले के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है। हमारे देश की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि। शोक संतप्त परिवारों के सदस्यों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।’

कहा, ‘हम अपने सैनिकों की मौत का बदला लेंगे और आतंकवादियों और उनके सहयोगियों के नापाक मंसूबों को नाकाम करेंगे। मैं लोगों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने और हमें सटीक जानकारी प्रदान करने का आह्वान करता हूं ताकि हम आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज कर सकें और आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र का अंत कर सकें।’
आतंकी हमले को लेकर महबूबा मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर पुलिस प्रमुख को बर्खास्त करने की मांग

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आतंकी हमले को लेकर जम्मू कश्मीर पुलिस प्रमुख आरआर स्वैन को बर्खास्त करने की मांग कर दी है। उन्होंने गृहमंत्री और रक्षामंत्री से मामले का कड़ा संज्ञान लेने की बात कही है।

महबूबा ने कहा, ‘कोई जवाबदेही नहीं है। अब तक तो सभी के खिलाफ कार्रवाई हो जानी चाहिए थी। डीजीपी को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए था। पिछले 32 महीनों में करीब 50 सैनिकों ने अपनी जान गंवाई है… मौजूदा डीजीपी राजनीतिक रूप से चीजों को ठीक करने में व्यस्त हैं। उनका काम पीडीपी को तोड़ना, लोगों और पत्रकारों को परेशान करना और लोगों को धमकाना है…

उन्होंने आगे कहा, ‘…सत्यापन को हथियार बना दिया गया है। वे अधिकतम लोगों पर यूएपीए लगाने के तरीके खोज रहे हैं… हमें यहां किसी फिक्सर की जरूरत नहीं है, हमें डीजीपी की जरूरत है। हमारे पास पहले भी दूसरे राज्यों से डीजीपी आए हैं और उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है। किसी ने भी सांप्रदायिक आधार पर काम नहीं किया है, जैसा कि अब किया जा रहा है।’

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WhatsApp Icon Join Yashbharat App
Notifications Powered By Aplu