ED का बिहार में बड़ा एक्शन: IAS संजीव हंस और पूर्व MLA गुलाब यादव गिरफ्तार, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कसा शिकंजा
बिहार की राजधानी पटना में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ी कार्रवाई की है। IAS अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ED ने संजीव हंस को उनके सरकारी आवास से गिरफ्तार किया, जबकि गुलाब यादव को दिल्ली के एक रिसॉर्ट से पकड़ा गया। इस गिरफ्तारी के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है।
बेनामी संपत्तियों के मामले में ED की कार्रवाई
ED के अनुसार, संजीव हांस ने पंजाब के मोहाली और कसौली में करोड़ों की बेनामी संपत्तियां खरीदी हैं। जांच एजेंसी के मुताबिक, हंस और यादव लंबे समय से बेनामी संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में शामिल थे। इस मामले में उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। हंस के करीबी माने जाने वाले विधायक गुलाब यादव भी उनके साथ गिरफ्तार किए गए हैं।
विशेष सतर्कता इकाई भी कर रही है जांच
बिहार की विशेष सतर्कता इकाई (SVU) भी इस मामले की जांच कर रही है। ED की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर 14 सितंबर को मामला दर्ज किया गया था। SVU की एक टीम भी केंद्रीय एजेंसियों द्वारा दी गई जानकारी की जांच कर रही है। इस केस में हांस, यादव और उनके परिवार के अन्य सदस्यों समेत 14 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
पहले भी हो चुकी हैं छापेमारी
यह पहली बार नहीं है जब संजीव हांस और गुलाब यादव पर ED ने कार्रवाई की है। इससे पहले भी एजेंसी ने बिहार, दिल्ली और पुणे में उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई थी। इन छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज और सबूत जुटाए गए थे। इसके बाद से ही संजीव हंस के खिलाफ ED की जांच जारी है।
संजीव हंस पर रेप का आरोप
संजय हंस विवादों में घिरे रहे हैं। हाल ही में उन पर रेप का आरोप भी लगा था। एक महिला ने संजीव हंस और गुलाब यादव के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। इस मामले को लेकर भी जांच चल रही है। हंस का नाम कई बार विवादों में आ चुका है। संजय हंस पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं। संजीव हंस पर सरकारी फंड की हेराफेरी कर करोड़ों की संपत्ति बनाने का आरोप है।
गुलाब यादव का राजनीतिक सफर
गुलाब यादव बिहार के मधुबनी जिले की झंझारपुर सीट से पूर्व विधायक रह चुके हैं। गुलाब यादव पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में थे, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला। इसके बाद गुलाब यादव ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। राजनीति में अब भी गुलाब यादव का दबदबा कायम है, और उनके परिवार के कई सदस्य भी राजनीति में सक्रिय हैं।