लालू के करीबी बालू कारोबारी सुभाष यादव को ED ने किया गिरफ्तार, ठिकानों से मिले थे 2 करोड़ कैश

जांच एजेंसी ED ने 8 घंटे के मैराथन रेड और विभिन्न ठिकानों से 2 करोड़ कैश के साथ बेनामी संपत्ति के सबूत मिलने के बाद बालू कारोबारी और आरजेडी नेता सुभाष यादव को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी सुभाष यादव को राजद सुप्रीमो लालू यादव का करीबी बताया जाता है। अहले सुबह कोर्ट में पेश करने के बाद उसे बेऊर जेल भेज दिया गया है। शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय ने सुभाष यादव के ठिकानों पर छापेमारी की थी। उससे पहले आयकर विभाग की ओर से छापेमारी की गई थी। आरजेडी और लालू प्रसाद यादव के लिए इसे बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के ऐलान के बाद हुई ईडी की इस कार्रवाई से सियासत भी तेज होती दिख रही है। सुभाष यादव के पार्टनर अशोक कुमार और अजय राय के ठिकानों पर छापेमारी जारी है।
बालू खनन की कंपनी ब्रॉडसन प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य निदेशक सुभाष यादव की गिरफ्तारी शनिवार की देर रात उनके पटना स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया। रात के अंधेरे में सुभाष यादव को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में पेश करने के बाद सोमवार को ई़डी ने राजद नेता को पटना के बेउर जेल में भेज दिय। सुभाष यादव लालू प्रसाद के बेहद करीबी नेता माने जाते हैं और बिहार में उनको बालू किंग के नाम से भी जाना जाता है। इससे पहले ईडी ने शनिवार को बिहार के सबसे बड़े बालू कारोबारी सुभाष यादव के 8 ठिकानों पर छापेमारी की। वे अवैध बालू खनन के लिए राज्य में कुख्यात कंपनी ब्रॉडसॉन्स लिमिटेड के एक प्रमुख निदेशक हैं।
ब्रॉडसन कंपनी के सभी निदेशकों पर पहले ही ईडी का शिकंजा कसा जा चुका है। सुभाष यादव और उनके कुछ करीबी रिश्तेदारों से जुड़े इन सभी ठिकानों पर शनिवार सुबह से शुरू हुई यह कार्रवाई देर शाम तक चलती रही। इन ठिकानों में दानापुर के नारियल घाट स्थित उसका घर के अलावा दानापुर में ही नासरीगंज, शाहपुर, यदुवंशी नगर, मनेर में हल्दी छपरा तथा पटना के गोल रोड, बोरिंग कैनाल रोड स्थित उनका कार्यालय समेत अन्य स्थान शामिल हैं। दानापुर इलाके में मौजूद उनके दो घरों से अब तक दो करोड़ रुपये कैश का अलावा पटना, रांची समेत अन्य स्थानों पर जमीन-जायदाद से संबंधित बड़ी संख्या में कागजात तथा अनेक माध्यमों में निवेश से जुड़े काफी संख्या में दस्तावेज बरामद किए जा चुके हैं। फिलहाल सभी दस्तावेजों की सघन जांच चल रही है।
सुभाष मूल रूप से दानापुर अनुमंडल में आने वाले हेतनपुर दियारा के रहने वाले हैं। छापेमारी के दौरान सुभाष यादव और उसके एक करीबी रिश्तेदार अशोक यादव से जांच अधिकारियों ने कई पहलुओं पर घंटों पूछताछ की है। जांच में यह बात सामने आई कि उनकी मालिकाना हक वाली कंपनी ब्रॉडसॉन्स ने राज्य के विभिन्न बालू घाटों पर अवैध खनन और बिना चालान या गलत चालान की बिनाह पर 250 करोड़ से अधिक का राजस्व चोरी कर ली थी। इस मामले में धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) और कइयों की काली के निवेश से जुड़े कई तथ्य सामने आने पर ईडी ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू की है।
इससे पहले 2022 में आयकर विभाग ने आयकर चोरी के आरोप में उनके ठिकानों पे एक साथ छापेमारी कर चुकी है। इसमें करोड़ों की आयकर चोरी सामने आ चुकी थी। ईडी ब्रॉडसॉन कंपनी के अन्य निदेशकों पर पहले ही कार्रवाई कर चुकी है। उनके ठिकानों पर छापेमारी भी की गई थी। इसी मामले में जदयू एमएलसी राधाचरण सेठ, कंपनी के एमडी अशोक गुप्ता, उनके बेटे कन्हैया कुमार समेत अन्य लोग जेल जा चुके हैं। अभी भी तकरीबन सभी आरोपी जेल में बंद हैं। इस कंपनी के झारखंड के कुछ निदेशक भी जेल में बंद हैं, जो झारखंड में भी कई बालू घाटों पर अवैध खनन के मामले में शामिल हैं। सुभाष यादव इस कंपनी के अंतिम निदेशक हैं, जिन पर ईडी ने कार्रवाई शुरू की है।
सूत्रों के से खबर मिल रही है कि पटना स्थित ईडी की विशेष कोर्ट से रिमांड को लेकर अपील की जाएगी और सुभाष यादव को रिमांड पर लेने की मांग की जाएगी। ईडी सुभाष को न्यायिक हिरासत से अपनी हिरासत में लेने की अपील करेगी ताकि आगे की छानबीन के लिए पूछताछ की जा सके।
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सुभाष यादव और उसके नेटवर्क से जुड़े कई राजनीतिक हस्तियों के खिलाफ ईडी जांच की कार्रवाई तेज करेगी।