अच्छे बर्ताव के कारण 6 खौफनाक बंदी अब खुली हवा में सांस लेंगे
गांधी जयंती के मौके पर रिहा किए गए 6 कैदी

जबलपुर, यशभारत। व्यक्ति का अच्छा बर्ताव उसे तरक्की की उचाईयों पर ले जाता है और ये सिद्व हुआ है गांधी जयंती पर हुए 6 ऐसे बंदी जो कभी अपने खौफ के लिए जाने जाते थे। अब सभी खुली हवा में सांस लंेगे।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस जेल में सालों से उम्र कैद की सजा काट रहे 6 कैदियों को अच्छे बर्ताव-रहन-सहन के चलते हमेशा के लिए रिहा कर दिया गया है। अब ये कैदी अपनी नई जिंदगी की शुरूआत करेंगे।
जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर ने बताया कि हर साल गांधी जयंती पर उन कैदियों की सजा माफ कर दी जाती है जिनका अचारण अच्छा होता है, उन्हें देखकर अन्य कैदी खुद के बर्ताव में सुधार लाते है। दूसरों के प्रेरणा बनने वाले 6 कैदियों को रिहा किया गया है। रिहा होने के वक्त सभी कैदियों ने कहा कि वह एक नई जिंदगी की शुरूआत करेंगे और अपराध की दुनिया में फिर कभी पैर नहीं रखेंगे।
इन कैदियों का रिहा किया गया
भोला बेन पिता मनोहर बेन रानीताल चैक थाना लार्डगंज जिला जबलपुर निवासी को भा.दं.सं. 1860 धारा 302-34 भादवि के तहत सजा हुई थी। राजेन्द्र सिंह पिता पंचम सिंह गौंड अमहाई थाना कोतवाली जिला पन्ना को 302 सश्रम कारावास की सजा हुई थी। शमीम शाह उर्फ झुर पिता फरजन्द शाहमा.दं.सं. ईश्वरीपुरा वार्ड जुमा 1860 मस्जिद के पास कटनी , श्यामसुन्दर चैनसिंह धुर्वे पारापानी पिता (गाँड) भा.दं.सं. चैकी 1860 मेहन्दवानी थाना धारा मेहन्दवानी जिला 201 डिण्डौरी, विशाल झारिया हरिप्रसाद झरिया 1860 म०प्र० पड़रिया खुर्द थाना धारा 459. आजीवन शहपुरा जिला डिण्डौरी
लोकेश पिता कुंवरलाल (कान्द्रीकला) किरनापुर बालाघाट को कारावास की सजा हुई थी जिसके बाद उन्हें रिहा किया गया।