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MP विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा:नरोत्तम बोले- सिंधिया जी का चेहरा दिखाकर वोट मांगे, भांवरे बुड्‌ढे आदमी से पड़वा दीं

मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है। कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविन्द सिंह ने सबसे पहले सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा- आज पूरी तरह से सत्ता के घमंड में सीएम ने जनता से जुड़े मुद्दों को तिलांजलि दे दी।

चर्चा के दौरान कांग्रेस पर वार करते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 20 साल से आप विपक्ष में हो। ध्यान रखना अगले 20 साल और आप विपक्ष में रहोगे। हर चुनाव में हमें वोट ज्यादा मिले हैं। सीट इन्हें ज्यादा मिल गई थी। फिर इन्होंने दिल बसपा का लगाया, सपा का फेफड़ा लगाया और निर्दलियों के अंग लगाकर सरकार बना ली। सिंधिया जी का चेहरा दिखाकर वोट मांगे और भांवरें बुड्‌ढे आदमी से पड़वा दीं। इस पर बाला बच्चन ने कहा कि सिंधिया जी तो खुद चुनाव हार गए। अब सिंधिया जी का चेहरा लगाना और फिर देखेंगे।

नरोत्तम बोले- ये अविश्वास नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ, हमारे नहीं

नेता प्रतिपक्ष के बाद सज्जन सिंह वर्मा ने सरकार पर आरोपों की बौछार की। उन्होंने कहा, हमारी ओर से 34 साथियों ने अपनी बात रखने का अनुरोध किया था, उन्हें बोलने का मौका मिलना चाहिए। इस पर नरोत्तम मिश्रा बोले- सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष को प्रणाम। हमें लग रहा था हरि की पौढ़ी में बैठकर कोई कथा कर रहा है। अविश्वास प्रस्ताव वो लेकर आए, हमारे नेता ने उसे स्वीकार किया। सज्जन भाई ये अविश्वास आपके लिए है। आपके जो पहले नेता प्रतिपक्ष थे, वो आज सदन में नहीं हैं। ये अविश्वास नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ है, हमारे खिलाफ नहीं। सज्जन सिंह ने कहा, हमारा नेता प्रतिपक्ष दमदार है। नरोत्तम बोले- आप कमलनाथ जी का नार्को टेस्ट करा लो, वो सज्जन भाई को नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहते थे।

गृहमंत्री ने कहा, नेता प्रतिपक्ष ढोर के डॉक्टर हैं

नेता प्रतिपक्ष ने कहा- हमने अविश्वास प्रस्ताव में जो मुद्दे उठाए, उन पर जवाब देना चाहिए। लेकिन, गृहमंत्री जी विद्वान हैं। भाषण देने में माहिर हैं। ये कौन सी परंपरा है जब सत्तापक्ष पर विपक्ष आरोप लगाता है, तो सत्तापक्ष जवाब देता है। गोपाल भार्गव ने कहा- आपने आज क्या भाषण दिया, वो आपको खुद याद नहीं होगा। नरोत्तम ने व्यंगात्मक लहजे में कहा- नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर किन के हैं? ढोर के हैं।

कमलनाथ छिंदवाड़ा, तो गोविंद सिंह भिंड तक सीमित रहते हैं

नरोत्तम ने कहा- कांग्रेस के अध्यक्ष जब बोलते हैं, तो वे छिंदवाड़ा तक सीमित रहते हैं। नेता प्रतिपक्ष भिंड तक सीमित रहते हैं। वे आज थोड़ा बाहर निकले और चिरायु अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मरने वालों के बारे में बता दिया, लेकिन ये नहीं बताया कि उसी अस्पताल में 24 हजार लोग ठीक होकर निकले। आपने कहा कि अस्पताल को पैसे दे दिए, वो इसलिए करना पड़ा, क्योंकि जब कोरोना आया, तो कमलनाथ जी ने सिर्फ दो बैठकें कीं आईफा अवार्ड की। भगवान की कृपा थी कि शिवराज सिंह चौहान आ गए। रात – रात भर जागकर मुख्यमंत्री शिवराज ने ऑक्सीजन लेकर आने वाले टैंकरों के चालकों, डॉक्टरों से बात की।

 

आजकल हमारे मुख्यमंत्री जज बन गए हैं…

इससे पहले नेता प्रतिपक्ष ने कहा,दिग्विजय सिंह ने जो अधिकार पंचायती राज में दिए थे, वो छीनकर अधिकारियों के हवाले कर दिए। जनपद पंचायत, जिला पंचायत अधिकारहीन हो गई। विधानसभा की कार्यवाही लगातार कम होती जा रही है। सबसे कम समय विधानसभा चलाने का गोल्ड मेडल इस विधानसभा को मिलना चाहिए। नर्सिंग कॉलेजों के घोटाले जगजाहिर हैं। एक कमरे में नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं। ऐसे करीब 550 कॉलेज प्रदेश में हैं। आपने छात्रों को मानव बम बना दिया। हरियाणा, पंजाब के लोग यहां से फर्जी डिग्री लेकर चले गए। कई ऐसे फैकल्टी हैं, जो चार-पांच जगह काम कर रहे हैं। उमाकांत शर्मा बीच में बोलने के लिए खड़े हुए, तो नेता प्रतिपक्ष ने कहा- बैठ जाइए पंडित जी। मैं ढोंग में विश्वास नहीं करता। सजा देना न्यायालय का काम है, लेकिन सत्ता के मद में घमंडी हो गए हो। आपने हजारों घर बर्बाद कर दिए। न्यायपालिका को दंड देने का अधिकार है, कार्यपालिका को नहीं। आजकल हमारे मुख्यमंत्री जज बन गए हैं। आपका समय है। इस प्रकार से रावण का भी अंत हुआ था।

चिरायु को इतना पैसा क्यों दिया?

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, महाकाल के उद्घाटन में 12 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। चीते लाने में करोड़ों, 5-6 हजार में चीते छूट जाते। कोरोना काल में चिरायु अस्पताल को 70 करोड रुपए सरकार ने दिए। आप कह सकते हो कि चिरायु को जमीन कांग्रेस की सरकार ने दी थी, लेकिन कैचमेंट एरिया की जमीन आपने दे दी। कुछ हमारे मित्र भी उसको संरक्षण दे रहे हैं। आप इतनी मेहरबानी क्यों कर रहे हैं? सरकारी अस्पतालों को पैसा देते, आपने चिरायु को इतना पैसा क्यों दिया? कोरोना काल में सबसे ज्यादा मौतें चिरायु अस्पताल में ही हुई हैं।

न्यू पेंशन स्कीम में 800 करोड़ के घोटाले का आरोप

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, भोपाल समेत प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में करीब 3300 मेडिकल टीचर्स, डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ को मिलाकर 50 हजार कर्मचारी हैं। न्यू पेंशन स्कीम में उनका पैसा कटता है। 800 करोड़ रुपए के लिए कर्मचारी परेशान हैं। हमसे भी कई बार मिले। ये पैसा उनके खातों में जमा होना था, लेकिन डीन के खाते में जमा करा दिया। डीन को क्या अधिकार है? पैसा खाते में है भी या गायब हो गया? इसका पता चलना चाहिए।

मुझे नारियल की रस्सी से बंधा कमरा दिया

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, पिछले महीने मैं आगर मालवा के दौरे पर गया था। इसकी प्रशासन को सूचना दी थी। वैसे मुझे सैर सपाटा करने का शौक नहीं है, मैं गांव का आदमी हूं। मैंने प्रतिपक्ष की हैसियत से लिखा था। जब हम वहां पहुंचे, तो सर्किट हाउस में ताला लगा था। मुझे ऐसा कमरा दिया, जिसके दरवाजे पर कुंडी नहीं थी, नारियल की रस्सी से बंधा था।

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा, विदाउट लंच ब्रेक हो रही है। स्पीकर ने सदस्यों से सुविधा अनुसार लंच करने को कहा है।

न्यू पेंशन स्कीम में 800 करोड़ रु. का घोटाला

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, भोपाल समेत प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में करीब 3300 मेडिकल टीचर्स, डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ को मिलाकर 50 हजार कर्मचारी हैं। न्यू पेंशन स्कीम में उनका पैसा कटता है। 800 करोड़ रुपए के लिए कर्मचारी परेशान हैं। हमसे भी कई बार मिले। ये पैसा उनके खातों में जमा होना था, लेकिन डीन के खाते में जमा करा दिया। डीन को क्या अधिकार है? पैसा खाते में है भी या गायब हो गया? इसका पता चलना चाहिए।

नरोत्तम बोले- ये अविश्वास नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ, हमारे नहीं
नेता प्रतिपक्ष के बाद सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, हमारी ओर से 34 साथियों ने अपनी बात रखने का अनुरोध किया था, उन्हें बोलने का मौका मिलना चाहिए। इस पर नरोत्तम मिश्रा बोले- सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष को प्रणाम। हमें लग रहा था हरि की पौढ़ी में बैठकर कोई कथा कर रहा है। अविश्वास प्रस्ताव वो लेकर आए, हमारे नेता ने उसे स्वीकार किया। सज्जन भाई ये अविश्वास आपके लिए है। आपके जो पहले नेता प्रतिपक्ष थे, वो आज सदन में नहीं हैं। ये अविश्वास नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ है, हमारे खिलाफ नहीं। सज्जन सिंह ने कहा, हमारा नेता प्रतिपक्ष दमदार है। नरोत्तम बोले- आप कमलनाथ जी का नारको टेस्ट करा लो, वो सज्जन भाई को नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहते थे।

Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

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